बेंगलुरु में एमबीए कर रहे एक 26 वर्षीय युवा की सुसाइड के कारण मौत हो गई. आत्महत्या की वजह में ऑनलाइन सेक्सटॉर्शन रैकेट (sextortion racket) का शिकार होना बताया जा रहा है. सेक्सटॉर्शन रैकेट का ये कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई वारदातें हुई हैं. ऐसा लग रहा है अपराध का ये तरीका एक पैटर्न का रूप धर रहा है.
पहले एक नजर बेंगलुरु के हालिया मामले पर:
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने 23 मार्च को बेंगलुरु में एमबीए करने वाले एक 26 वर्षीय युवा अविनाश बीएस की आत्महत्या से मौत हो गई थी. इसके कुछ दिनों बाद एक ऑनलाइन गैंग ने उसकी बड़ी बहन से फेसबुक पर संपर्क किया. गैंग ने पैसे मांगे और धमकी दी कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो वो वीडियो उनके परिवार, दोस्तों और ऑनलाइन शेयर कर देंगे. तब तक गैंग को इस बात का अंदाजा नहीं था कि अविनाश की मौत हो चुकी है.
- ये गैंग अविनाश को उसकी एक सेक्सुअल वीडियो को लेकर लगातार ब्लैकमेल कर रहा था.
- पुलिस के अनुसार ऑनलाइन ठगी गैंग से मैसेज मिलने के बाद अविनाश के परिवार को शक हुआ कि इसी वजह से अविनाश की जान गई.
- रिपोर्ट में बताया गया है कि नेहा शर्मा नाम की एक लड़की ने अविनाश से सोशल मीडिया पर संपर्क किया था और फिर ऑनलाइन ही उसका सेक्सुअल वीडियो रिकॉर्ड किया. अब इसी वीडियो को लेकर उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था.
- अविनाश की बहन को पता चला कि ब्लैकमेलर्स को पैसे देने के लिए अविनाश ने अपने दोस्त से 35 हजार रुपए लिए थे.
- अविनाश की बहन ने पुलिस को बताया कि अविनाश ने ब्लैकमेलर्स को कुल 35 हजार रुपए दिए थे. जिस ई-वॉलेट में ये पैसे दिए गए, उसकी पहचान तेजस आर के तौर पर हुई है. ये पेमेंट अविनाश की मौत से एक दिन पहले यानी 22 मार्च को हुई थी.
- अविनाश की मौत के दो दिन बाद नेहा शर्मा नाम की एक लड़की ने अविनाश की बहन को फेसबुक पर मैसेज किया और अविनाश के बारे में पूछा. अविनाश की बहन को शक हुआ तो उन्होंने अपने एक कजिन का नंबर उसे दे दिया जिसपर बाद में धमकी भरा मैसेज आया कि पैसे दो नहीं तो वीडियो दोस्तों में भेज दी जाएगी. इसके लिए 21 हजार रुपए की मांग की गई थी.
3 अप्रैल को अविनाश की बहन ने केआर पुरम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई और 5 लोगों पर आरोप लगाया. सीआईडी साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट्स ने बताया कि ये मामला उन नए मामलों में से एक है जिनमें लोगों को सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है. साइबर क्राइम सेल के एक अधिकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर बकायदा एक रैकेट चलाया जा रहा है. कई लोग ऐसे हैं जो ऑनलाइन फ्रॉड में सक्रिय थे और अब इस रैकेट में शामिल हो गए हैं. हालांकि इस मामले में शिकार बने लोगों में से काफी कम लोग ऐसे होते हैं जो आगे आते हैं शिकायत दर्ज करते हैं.
क्या है सेक्सटॉर्शन?
आजकल साइबर ठग लोगों से सेक्सुअल ब्लैकमेलिंग यानी सेक्सटॉर्शन से वसूली कर रहे हैं. वेबकैम, मोबाइल या वीडियो कॉल के जरिए किसी की सेक्स गतिविधियों या न्यूड तस्वीरों को रिकॉर्ड करके उसके जरिए ब्लैकमेल करने को सेक्सटॉर्शन कहते हैं. अब भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं. स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले युवा, बिजनेसमैन, पॉलिटिक्स से जुड़े लोगों को आमतौर पर इस रैकेट का शिकार बनाया जाता है.
- मैशेबल डॉट काम के मुताबिक पिछले कुछ सालों में 'सेक्सटॉर्शन' की घटनाएं दोगुनी से ज्यादा बढ़ी हैं.
- सेक्सटॉर्शन ई-मेल सोर्स कंट्रीज मे भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है. इसमें वियतनाम, ब्राजील और अर्जेंटीना टॉप 3 में हैं.
- इसमें हनी ट्रैप की तरह लोगों को अपना शिकार बनाया जाता है. सोशल नेटवर्किंग साइट्स के जरिए दोस्ती करते हैं, फिर धीरे-धीरे पर्सनल बातें भी होने लगती हैं. इसके बाद कैमरे के सामने कपड़े बदलने के लिए उकसाया जाता है.
- इस तरह के फ्रॉड में महिला और पुरुष दोनों शामिल हो सकते हैं. कभी-कभी एक आरोपी एक व्यक्ति न होकर पूरी गैंग हो सकती है. गैंग में हैकर्स भी होते हैं. जो हैकिंग के जरिए ब्लैकमेलिंग करते हैं और अक्सर बड़े लोगों को फंसाते हैं.
- इस तरह के मामलों के बच्चे भी ज्यादा शिकार होते हैं, क्योंकि वे घबराकर इन अपराधियों के जाल में फंसते चले जाते हैं. उन्हें डर होता है कि उनकी सच्चाई किसी के सामने आ गई तो वे उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी.
- ऐसे मामलों में बदनामी और शर्म की वजह से लोग पुलिस में इस फ्रॉड की शिकायत नहीं करते और ठगों की मांग पूरी कर देते हैं. बहुत ही कम लोग हैं जो इस बारे में शिकायत करते हैं.
- जम्मू-कश्मीर कार्यस्थल पर सेक्सटॉर्शन को अपराध की श्रेणी में लाने वाला पहला राज्य था.
मुंबई में “पूजा” का हुआ खुलासा
मुंबई पुलिस ने फरवरी 2021 में एक इंटरनेशनल रैकेट का पर्दाफाश किया था. इस प्रकरण में जब एक बड़े नेता को टारगेट किया गया तब मुंबई पुलिस की साइबर सेल हरकत में आई थी. जिसके बाद इस रैकेट के तीन लोगों को राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से अरेस्ट किया गया. मुंबई पुलिस के मुताबिक इस गैंग के लोग पहले सोशल मीडिया पर रिसर्च करते हैं, उसके बाद प्रतिष्ठित लोग जैसे कि आईपीएस, आईएसएस, विधायक, सांसद, बॉलीवुड के कलाकार और मीडिया के बड़े लोगों को अपना टारगेट बनाते हैं. इस मामले में आरोपियों ने पूजा शर्मा नाम का इस्तेमाल किया था.
पुलिस की जांच में पता लगा कि गैंग ने लोगों को जाल में फंसाने के लिए 171 फेक फेसबुक प्रोफाइल और 4 टेलीग्राम चैनल्स का इस्तेमाल किया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 58 अकाउंट्स भी सील किये हैं. आरोपियों ने वसूली के लिए 54 मोबाइल फोन इस्तेमाल किये थे.
दिल्ली का सूरज भी हुआ शिकार
पिछले साल दिसंबर में दिल्ली के प्रशांत विहार क्षेत्र में रहने वाले सूरज को एक दिन (13 दिसंबर को) फेसबुक पर एक लड़की ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. चूंकि लड़की की प्रोफाइल पिक्चर खूबसूरत थी तो सूरज ने फौरन रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया. दोनों के बीच पहले फेसबुक मैसेंजर पर मामूली चैटिंग हुई.
अगले दिन उस लड़की ने सूरज को फेसबुक मैसेंजर पर वीडियो कॉल किया. युवा सूरज के लिए ये खास पल था, क्योंकि यहां एक लड़की खुद ही अपनी ओर से दोस्ती का हाथ बढ़ा रही थी. उस दिन अजनबी लड़की और सूरज के बीच मैसेंजर पर करीब चार मिनट तक वीडियो चैटिंग होती रही. इसके तीन दिन बाद, सुबह सूरज के पास एक अंजान नंबर से कॉल आया. ट्रू कॉलर पर यह अंजान नंबर किसी लॉ ऑफिसर का बताया जा रहा था.
लॉ ऑफिसर ने सूरज से कहा कि 17 दिसंबर को उसने अपनी फेसबुक फ्रेंड के साथ जो कुछ किया है, उसके लिए उसे जेल भी हो सकती है. इसके साथ ही बेइज्जती भी तय है. लॉ ऑफिसर ने कहा कि 17 तारीख को जब उसकी फ्रेंड ने उसे वीडियो कॉल किया था, उसने (सूरज ने) वीडियो कॉल पर ही लड़की के साथ ना सिर्फ अश्लील बातें की, बल्कि कॉल के दौरान अश्लील हरकतें भी करता रहा.
ऑफिसर ने कहा कि यह सब कुछ उस लड़की के जरिए उसके हाथ लग चुका है, उसकी ये करतूत उसे सलाखों के पीछे पहुंचा सकती है. ऐसे में सूरज हैरान था कि जब उसने लड़की के साथ ना तो कोई अश्लील बात की और ना ही अश्लील हरकत तो फिर ये सबकुछ हुआ कैसे? काफी देर बाद सूरज समझ गया कि अब वह उस अंजान लड़की की जाल में बुरी तरह फंस चुका है.
“लॉ ऑफिसर ने सूरज से पैसों के बदले सेटलमेंट का सुझाव देना शुरू कर दिया. बात सीधे एक लाख रुपये से शुरू हुई. तब सूरज ने अपने हाथ खड़े कर दिए. उसके बाद लॉ ऑफिसर ने ही वीडियो डिलीट करने की कीमत को लेकर तोड़-मोड़ की शुरुआत की. ये मामला दो दिनों तक चलता रहा और अंत में बात 20000 रुपये पर तय हुई. पहली किश्त के तौर पर सूरज ने 10000 रुपये चुका भी दिए.
लेकिन इसके बाद अगले दिन उस वकील ने फिर से सूरज को फोन किया और अब भी वह 20000 रुपये की मांग पर अड़ा हुआ था. जबकि सूरज ने उसे पहली किश्त के तौर पर 10000 रुपये चुका दिए थे. इस हिसाब से उसे अब 10000 रुपये और चुकाने थे. सूरज को फ्रॉड का शक तो पहले ही था. इसलिए अब उसने पुलिस के पास जाने का फैसला किया. इसके बाद सूरज ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल को अपने साथ हुए धोखे की पूरी कहानी सुनाई.”
जांच कर रही पुलिस ने पहले आईपी एड्रेस से उस मोबाइल का पता किया, जिससे लड़की ने सूरज को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी और फिर अलग-अलग आईएमईआई नंबरों और नंबर के जरिए पुलिस ने एक-एक कर कई लोगों को ट्रैक किया. फिर पुलिस ने इन्हीं नंबरों के जरिए पहले दो लड़कों को और फिर उनकी निशानदेही पर एक-एक कर चार और लड़कों को पकड़ा.
बेंगलुरु का एक और मामला
बेंगलुरु के कडूगोडी में एक इंजीनियर की गर्भवती पत्नी जब दूसरी डिलिवरी के लिए बेटे के साथ मायके चली गई थी, तो उस शख्स ने एक डेटिंग ऐप डाउनलोड किया और रिक्वेस्ट डाली कि वो एक महिला मित्र की तलाश कर रहा है. तुरंत ही प्रिया नाम की एक लड़की ने उससे संपर्क किया और दोनों में बातचीत होने लग गई. प्रिया ने खुद को राजस्थान की रहने वाली बताया था. इसके बाद ही दोनों के बीच व्हॉट्सऐप पर भी बातचीत होने लगी. कुछ समय बाद प्रिया ने उससे कहा कि वो वीडियो कॉल के जरिए उसे देखना चाहती है. 28 अक्टूबर 2019 की रात को प्रिया ने शख्स को वीडियो कॉल किया. उसे लालच देते हुए कहा कि अगर तुम अपने पूरे कपड़े उतारोगे तो मैं भी अपने कपड़े उतार दूंगी.
जब उस इंजीनियर ने अपने कपड़े उतार दिए, तब प्रिया ने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया. पुलिस के अनुसार प्रिया ने इंजीनियर को तीन बार वीडियो कॉल करके उसे रिकॉर्ड कर लिया था. इसके बाद वो उसे ब्लैकमेल करने लगी कि अगर पैसे नहीं मिले तो वो तीनों वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर देगी. 1 नवंबर को उस इंजीनियर ने महिला को 30 हजार रुपए पेटीएम के जरिए भेजे, लेकिन जब महिला ने बाद में और 15 हजार रुपयों की मांग की तो शख्स ने पुलिस से संपर्क किया.
क्यों है खतरनाक?
हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक फोरपिएक्स नाम के एक बॉटनेट है जो कि लोगों को हर घंटे 30 हजार ईमेल भेजता है. इस ईमेल के जरिए उनके सेक्स कंटेंट को लीक करने की धमकी देकर फिरौती की मांग की जाती है. ईमेल में धमकी दी जाती है कि अगर पैसे नहीं दिए गए तो उनके वेबकैम से कैप्चर किए गए सेक्शुअल कंटेंट को लीक कर दिया जाएगा. थ्रेटपोस्ट के अनुसार रिसर्चर्स का कहना है कि पांच महीनों के दौरान फोरपिएक्स कैंपेन के वॉलेट में लगभग 14 बिटक्वाइन ट्रांसफर हुए हैं जो कि लगभग 6.30 करोड़ रुपए के बराबर हैं. ये बॉटनेट इसलिए भी काफी खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि इसे यूजर का पासवर्ड भी पता होता है. इसलिए यह यूजर को उनका पासवर्ड बताकर डराता है.
- ब्रिटिश सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर कंपनी Sophos की रिपोर्ट में बताया गया है कि साइबर क्रिमिनल्स कभी डब्ल्यूएचओ अफसर बनकर तो कभी कोविड-19 के नाम पर फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को शिकार बना रहे हैं.
- रिपोर्ट के अनुसार साइबर क्रिमिनल्स धमकी भरा ई-मेल भेजकर यह दावा करते नजर आ रहे हैं कि अगर यूजर ने उन्हें पैसे नहीं दिए तो वे यूजर की फैमिली के किसी मेंबर को कोरोना वायरस से इन्फेक्ट कर देंगे.
- साइबर क्रिमिनल्स ई-मेल भेजकर 4000 डॉलर बिटकॉइन के रूप में मांग रहे हैं, नहीं तो यूजर के राज उजागर करने और परिवार के सभी सदस्य को कोरोना वायरस से ग्रसित करने की धमकी दे रहे हैं.
कैसे करें खुद की रक्षा?
साइबर पुलिस ने अपने ट्विटर अकांउट के जरिए सुरक्षा टिप्स साझा किए हैं जिसमें ये बातें कहीं गई हैं.
- किसी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट न करें.
- अगर आप किसी को नहीं जानते हैं तो उसके साथ वीडियो कॉल के माध्यम से न जुड़ें.
- कभी भी ब्लैकमेलिंग करने वाले व्यक्ति को किसी तरह का भुगतान न करें.
- ऐसे किसी भी मामले में तुरंत ही साइबर पुलिस के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करवाएं.
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