ADVERTISEMENTREMOVE AD

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल: धरती का सबसे बड़ा साहित्यिक शो आज से शुरू

साहित्य का ये मजमा, राजस्थान की पृष्ठभूमि में, सांस्कृतिक विरासत को सहेजे, डिग्गी पैलेस में सजने को तैयार है.

Published
story-hero-img
छोटा
मध्यम
बड़ा

राजस्थान के गुलाबी शहर में 'धरती का सबसे बड़ा साहित्यिक शो' कहा जाने वाला लिटरेचर फेस्टिवल इस बार 24 से 28 जनवरी तक चलेगा. यहां दुनियाभर के बड़े लेखक, चिंतक, मानवतावादी, राजनेता, व्यवसाय जगत, खेल और मनोरंजन जगत की मशहूर हस्तियां अलग-अलग विषयों पर अपनी बेबाक राय देने के लिए जुटेंगी.

इस फेस्टिवल में हमेशा की तरह खूबसूरत विचारों का संयोजन दिखेगा. प्रमुख वक्ता अभिव्यक्ति की आजादी के साथ कई विषयों पर तर्कपूर्ण बातचीत करेंगे. प्राचीन सभ्यता से लेकर उस युद्ध तक पर चर्चा होगी, जिसने इतिहास के प्रवाह को बदल, रहस्य और मिथक को नया आयाम दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

लिटरेचर फेस्टिवल में क्या है खास

  • भारतीय लेखिका इरा मुकौटी पौराणिक आख्यानों के प्रतिष्ठित ज्ञाता और कहानीकार देवदत्त पटनायक का 'श्याम: रिटेलिंग द भागवत' सत्र में परिचय करवाएंगी. महाभारत और रामायण के बाद भागवत उनका तीसरा महाआख्यान है.
  • 'द पुराण' नामक सत्र में अर्थशास्त्री और लेखक विवेक देवरॉय भागवत पुराण के अपने अनुवाद पर इतिहासकार पुष्पेश पंत से चर्चा करेंगे.
  • पुराणों के कुछ छोटे और बड़े रूप पाए जाते हैं, बड़े रूपों को महापुराण कहा जाता है. इस प्राचीन पाठ की गणना विश्वकोश में की जाती है, जिसके रचयिता कृष्ण द्वैपायन वेदव्यास को माना गया है.
  • इसी तरह फाइंडिंग राधा, ग्वालिन राधा पर एक दिलचस्प सत्र होगा.
  • मशहूर लेखक, विद्वान और पुराणविद् अलका पांडे, बुलबुल शर्मा, पवन के. वर्मा, देवदत्त पटनायक और यूडिट कोर्नबर्ग ग्रीनबर्ग के साथ नमिता गोखले और मालाश्री लाल सत्र में राधा की धार्मिक, ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संदर्भों में व्याख्या करेंगे. नमिता गोखले और मालाश्री लाल ने संग्रह 'फाइंडिंग राधा: द क्वेस्ट फॉर लव' का सह-संपादन भी किया है.
  • हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक नरेंद्र कोहली का यतींद्र मिश्र के संग संवाद का सत्र होगा. कोहली 'महासमर: राइटिंग द एपिक' में बताएंगे कि उन्हें भारतीय आख्यान, मान्यताओं और प्रचलित कथाओं के पुनर्लेखन की प्रेरणा कहां से मिली. वो अपनी महासमर सीरीज के नौ खंडों के बारे में और रामायण, महाभारत व पुराण की समकालीन समझ के बारे में बात करेंगे.
  • फेस्टिवल के एक दिलचस्प सत्र में कामयाब लेखक और सॉफ्टवेयर डेवलपर विक्रम चंद्रा संस्कृत भाषा के प्रति अपने जुनून पर बात करेंगे. सत्र परिचय संस्कृत भाषा के विद्वान जेम्स मेलिंसन देंगे.
  • जलियांवाला बाग सत्र 13 अप्रैल, 1919 के उस बदकिस्मत दिन की घटना पर आधारित होगा, जब जनरल डायेर ने अमृतसर के पार्क में आयोजित एक शांतिपूर्ण सम्मलेन पर गोली-बारी के आदेश दे दिए थे.
  • लंदन यूनिवर्सिटी में इतिहास की प्रोफेसर किम ए. वेगनर और प्रतिष्ठित राजनयिक और नामी लेखक नवतेज सरना 'जलियांवाला बाग, 1919, द रियल स्टोरी' की लेखिका किश्वर देसाई से इस पर चर्चा करेंगे.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

जलवायु परिवर्तन पर होंगे सत्र

'धरती के सबसे बड़े साहित्यिक शो' में पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को भी उठाया जाएगा, ताकि धरती पर मंडरा रहे जलवायु परिवर्तन के खतरे पर ध्यान आकर्षित किया जा सके. आयोजकों की तरफ से जारी बयान के अनुसार, 'क्लाइमेट चेंज: ए कॉल टू एक्शन' नामक सत्र में ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के विद्वान डेरिल जोन्स, नॉर्वे की लेखिका माजा लुंडे और भारतीय लेखिका मृदुला रमेश के साथ पर्यावरण के मसले पर चर्चा करेंगे.

ये पांच दिवसीय फेस्टिवल एक दशक से ज्यादा समय से तकरीबन 2000 वक्ताओं की मेजबानी और देश और दुनियाभर के लाखों पुस्तक-प्रेमियों का स्वागत कर चुका है. एक बार फिर से साहित्य का ये मजमा, राजस्थान की पृष्ठभूमि में, सांस्कृतिक विरासत को सहेजे, डिग्गी पैलेस में सजने को तैयार है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×