भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद)) में गुरुवार को अपना संबोधन दिया. उन्होंने रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) के बीच चल रहे युद्ध का भी जिक्र किया. एस जयशंकर ने कहा, स्थिति "गंभीर चिंता का विषय" है.
युद्ध में भी मानवाधिकारों का उल्लंघन न हो- जयशंकर
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बोलते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "यूक्रेन संघर्ष का रास्ता पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए गंभीर चिंता का विषय है. ये वास्तव में परेशान करने वाला है." रूस के लिए पीएम मोदी के संदेश को दोहराते हुए उन्होंने कहा, "भारत सभी शत्रुता को तत्काल खत्म करने और बातचीत-कूटनीति की वापसी पर जोर दे रहा है, जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर दिया है, यह युद्ध का युग नहीं हो सकता है." जयशंकर ने कहा,
"संघर्ष की स्थिती में भी, मानवाधिकारों या अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का कोई औचित्य नहीं हो सकता. जहां कहीं भी ऐसा होता है, तो जरूरी है कि उनकी निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से जांच की जाए."
फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों की मंत्री कैथरीन कोलोना की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय ब्रीफिंग आयोजित की गई थी. विश्व के नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय 77 वें सत्र के लिए इकट्ठा हुए थे.
दूर-दराज के क्षेत्रों में भी पड़ रहा युद्ध का असर
डॉ जयशंकर ने कहा कि ग्लोबल दुनिया में संघर्ष का असर दूर-दराज के क्षेत्रों में भी महसूस किया जा रहा है. उन्होंने कहा, "हम सभी ने बढ़ती लागत और खाद्यान्न, उर्वरक और ईंधन की कमी के रूप में इसके परिणाम देखे हैं.
ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के विदेश मंत्री जेम्स चतुराई सहित अन्य UNSC सदस्यों के विदेश मंत्री मौजूद थे.
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