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जामिया फायरिंग: नाबालिग पर क्या वयस्कों के तौर पर होगी कार्रवाई? 

जामिया यूनिवर्सिटी के पास एक युवक ने प्रदर्शनकारियों पर चलाई थी गोली

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दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में खुलेआम तमंचा लहराकर फायरिंग करने वाले युवक को अब 14 दिनों की प्रोटेक्टिव कस्टडी में भेज दिया गया है. इसके अलावा जिस मुद्दे पर सबसे ज्यादा बहस चल रही थी कि आरोपी नाबालिग है या नहीं, इसके लिए भी अब आरोपी का ओसिफिकेशन टेस्ट (हड्डियों की जांच) होगा. जिससे साफ हो जाएगा कि वो वाकई में नाबालिग है या फिर मार्कशीट में उसकी उम्र कम बताई गई है.

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों की तरफ गोली चलाने वाले इस युवक को गिरफ्तार कर लिया था. इस पूरे मामले को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को सौंपा गया. आरोपी ग्रेटर नोएडा के पास जेवर का रहने वाला था.

जामिया इलाके में गुरुवार को एक शख्स हाथ में देसी कट्टा लिए घुस गया. यहां छात्रों ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन बुलाया था. जैसे ही छात्र प्रदर्शन के लिए आगे बढ़े इस सिरफिरे ने 'जय श्रीराम' के नारे लगाए और गोली चला दी. ये सिरफिरा अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर खुद को रामभक्त बताता है. उसने जामिया में हमले से पहले फेसबुक लाइव भी किया था. सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक वो खुद को कट्टर हिंदू बताता है.

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निशाने पर आए अनुराग ठाकुर

जामिया में गोली चलाने की इस घटना के बाद बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को सोशल मीडिया पर जमकर लताड़ा गया. लोगों ने इस घटना के लिए उनके उस नारे को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें उन्होंने "देश के गद्दारों को गोली मारो .... को" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था. जामिया के पूर्व छात्र संघ ने अनुराग ठाकुर, बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और जामिया इलाके में गोली चलाने वाले शख्स के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई. वहीं कई विपक्षी दलों के नेताओं ने सीधे कहा कि बीजेपी नेताओं के भड़काने के बाद युवक ने इस घटना को अंजाम तक पहुंचाया.

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