दिल्ली के जामिया इलाके में एक शख्स ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर फायरिंग की. एक चश्मदीद ने द क्विंट को बताया कि जब शख्स बंदूक दिखा रहा था, तब पुलिस वहां उसे खड़ी देखती रही. आरोपी की गोली से जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में मास कम्यूनिकेशन में मास्टर्स के फर्स्ट-ईयर स्टूडेंट शादाब नाजर घायल हो गए हैं.
शादाब को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है. द क्विंट ने यूनिवर्सिटी में इकनॉमिक्स (ऑनर्स) की थर्ड-ईयर स्टूडेंट आमना आसिफ से बात की, जो इस पूरे वक्त शादाब के साथ थीं. आमना ने बताया कि कैसे दिल्ली पुलिस ने इस दौरान कुछ नहीं किया.
‘बंदूक लिए वो शख्स, होली फैमिली अस्पताल की तरफ बढ़ रहा था, जहां बैरिकेडिंग हो रखी थी और पुलिस भी वहां थी. हम चिल्लाने लगे, हमने पुलिस से उसे रोकने के लिए कहा. और पुलिस बस वहां खड़ी देखती रही. हमने उसे शांत करने की कोशिश की, लेकिन उसने फायरिंग की. उसे बिना देखे गोली चला दी और वो शादाब के हाथ पर लग गई.’आमना आसिफ, चश्मदीद
आमना ने आगे बताया, 'हम (शादाब और मैं) साथ थे जब ये हुआ. मैं चश्मदीद हूं इस पूरी घटना की. आज जामिया से लेकर राजघाट तक एक मार्च का प्लान था. मार्च आगे बढ़ रहा था. अचानक से, ये शख्स हाथ में रिवॉल्वर लेकर आ गया. वो चिल्लाने लगा और वो बहुत गुस्से में था. कोई उसे कंट्रोल में नहीं कर पा रहा था. हम सभी उसे शांत करने की कोशिश कर रहे थे, क्योंकि हम नहीं चाहते थे कि कोई शांतिपूर्ण प्रदर्शन में खलल डाले.'
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस से लगातार मदद मांगने के बावजूद पुलिस ने कुछ नहीं किया. आमना ने कहा कि गोली चलाने वाला शख्स उन लोगों में से नहीं है. उन्होंने कहा, ‘वो हम में से नहीं है. हम में से कोई उसे पहचान नहीं पाया. वो बाहर से है.’
घटना से एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि बंदूक लेकर चल रहा शख्स 'ये लो आजादी', 'दिल्ली पुलिस जिंदाबाद' और 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' के चिल्ला रहा है.
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