जम्मू-कश्मीर में इंडियन नेशनल कांग्रेस के नेता सैफुद्दीन सोज अपनी किताब ‘'कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल'' को लेकर विवादों में हैं. जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सोज नेशनल कांफ्रेंस में भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.
कश्मीर पर बयान देकर विवादों में घिरे सैफुद्दीन सोज से कश्मीर में बीजेपी-पीडपी गठबंधन टूटने और घाटी के मौजूदा हालात पर बात की गई. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
पहला सवाल: बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर: शुरू से ही यह गठबंधन सही नहीं था. यह उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव का मेल था. मुफ्ती मोहम्मद सईद ने एक प्रयोग किया जो कल भी नाकाम था और आज भी नाकाम है.
दूसरा सवाल: आखिर बीजेपी इस गठबंधन से अचानक क्यों अलग हो गई?
उत्तर: बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाना है और इसलिए वे अलग हुए हैं. आप देखेंगे कि वे लोग चुनाव के समय कहेंगे कि हमने देश के लिए यह गठबंधन तोड़ा. सच्चाई यह है कि इन्होंने देश के लिए यह फैसला नहीं किया है, बल्कि अपनी साख बचाने के लिए किया है. अब वो जम्मू में सांप्रदायिकता को हवा देंगे.
तीसरा सवाल: घाटी में अब आप पीडीपी का क्या भविष्य देखते हैं?
उत्तर: पीडीपी ने गठबंधन करके बहुत गलत किया था. वे नाकाम रहे हैं. पीडीपी से लोग बहुत नाराज हैं. मुझे नहीं पता कि आगे क्या होगा? लेकिन इस वक्त वह पार्टी बहुत अलोकप्रिय हो चुकी है.
चौथा सवाल: आगे आप घाटी में किस तरह के हालात देखते हैं?
उत्तर: जब तक भारत सरकार की नीति नहीं बदलती है तब तक कुछ नहीं होने वाला है. राज्य सरकार के पास करने के लिए कुछ नहीं है. इस वक्त केंद्र सरकार की नीति गलत है. अब वह ज्यादा फौजी भेजेगी, ज्यादा सीआरपीएफ आएगी. बलप्रयोग करने की नीति अपनाई जाएगी. इस नीति से लोग मर सकते हैं लेकिन कोई हल नहीं निकलेगा, कोई रास्ता नहीं निकलेगा.
पांचवा सवाल: जम्मू-कश्मीर में नए राज्यपाल को नियुक्ति किए जाने की अटकलें हैं, इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर: मैं तो सिर्फ इतना कहूंगा कि एन एन वोहरा को कश्मीर की पहचान है. वो गलत काम नहीं करेंगे और जब तक वह रहेंगे, कश्मीर में अच्छी सरकार ही देंगे. वह सूझबूझ वाले इंसान हैं. मुझे नहीं पता कि भारत सरकार उनको कब तक इस पद पर रखेगी.
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