मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर सरकार से पैलेट गन का इस्तेमाल बंद करने की मांग की.
पैलेट गन के कारण घाटी में विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है और कई लोग अपनी जान गंवा जा चुके हैं.
‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ के वरिष्ठ अभियान संचालक जहूर वानी ने एक बयान में कहा,
‘एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया’ जम्मू-कश्मीर सरकार से विरोध प्रदर्शनों के नियत्रंण में पैलेट गन का इस्तेमाल तत्काल रोकने की मांग करती है.
बयान के मुताबिक, “पैलेट गन से सही निशाना सुनिश्चित नहीं किया जा सकता और इनके कारण पास खड़े लोगों या ऐसे प्रदर्शकारियों को गंभीर चोट पहुंचती है, जो हिंसा में शामिल नहीं हैं. इन खतरों को नियंत्रित करना लगभग असंभव है.”
दूसरी ओर प्रशासन ने पैलेट गन को ‘गैर घातक’ हथियार करार दिया हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में पैलेट गन से लगी चोट के कारण तीसरे व्यक्ति की मौत इस बात की सूचक है कि इस ‘कम घातक हथियार’ के ‘घातक परिणाम’ हो सकते हैं.जहूर वानी
आठ जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद सुरक्षा बलों से संघर्ष में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों घायल हो चुके हैं.
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