दक्षिणी कश्मीर (Jammu Kashmir Encounter) के कोकरनाग के घने जंगलों में जम्मू कश्मीर पुलिस और आर्मी का लंबे समय से चल रहा ज्वाइंट ऑपरेशन मंगलवार यानी 19 सितंबर को खत्म हो गया. सुरक्षा बलों ने बताया कि इस ऑपरेशन में दो आतंकवादी मारे गए हैं. इसमें एक की पहचान लश्कर-ए-तैयबा के उजैर खान के रूप में हुई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 13 सितंबर को आंतकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कर्नल, मेजर और डीएसपी के शहीद होने के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों के छिपे होने की इनपुट के आधार पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. 18 सितंबर, सोमवार की शाम एक लापता सिपाही प्रदीप सिंह का शव बरामद किया गया.
जंगल में जारी रहेगा सर्च ऑपरेशन
एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने मामले को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा "हालांकि, संयुक्त ऑपरेशन खत्म हो गया है लेकिन जंगल में कुछ और समय के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा.
“हमें लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी उजैर खान का शव मिला है. एक अन्य आतंकवादी का शव भी देखा गया था, जिसे अभी तक बरामद नहीं किया जा सका है.' हमारे पास दो से तीन और उग्रवादियों की जानकारी थी. इसलिए संभव है कि हमें एक अन्य उग्रवादी का शव भी मिल जाएगा."विजय कुमार, एडीजीपी कश्मीर
17 सितंबर यानी रविवार को सुरक्षा बलों को कोकरनाग के गडोले के जंगलों से एक जला हुआ शव मिला था. ये पता करने के लिए क्या मिला हुआ शव आतंकवादी उजैर खान का ही है, शव का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया गया. पुलिस का कहना है कि मुठभेड़ में मारे गए सेना के जवानों की हत्या में उजैर भी शामिल था. 19 सितंबर को एडीजीपी ने पुष्टि की कि शव उजैर का ही है.
ADGP ने स्थानीय लोगों को चेताया
वहीं, एडीजीपी ने लोगों से जंगलों से दूर रहने की अपील की है. उन्होंने चेतावनी दी कि गोलीबारी की जगह के आसपास गोला-बारूद बिखरा हो सकता है.
उन्होंने कहा "अभी सर्च अभियान जारी रहेगा. अभी भी जंगल के बड़े क्षेत्र में सर्च करना है. वहां ढेर सारा जिंदा गोला बारूद भी होगा. हमें उसे इकट्ठा करना होगा और नष्ट करना होगा."
आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हो गए थे तीन जवान
जब सेना अधिकारियों के नेतृत्व में संयुक्त ज्वाइंट टीम संदिग्ध आतंकवादियों के ठिकाने की ओर बढ़ रही थी, उसी समय गडोले के जंगल में आतंकवादियों और फोर्स की मुठभेड़ हो गई. जिसमें कर्नल मनप्रीत सिंह, कोकेरनाग में 19 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर मेजर आशीष धोंचक और हिमायूं मुजामिल भट की मौत हो गई.
अगले दिन, सेना के पर्वतारोहियों की मदद से कर्नल सिंह और मेजर धोंचक के शव को बरामद किया गया. मुठभेड़ में डीएसपी भट गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्हें मुठेभड़ स्थल से निकाला गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया था.
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