जेट एयरवेज की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि वो अभी तक अपने कर्मचारियों को सितंबर की सैलरी नहीं दे पाई है. जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों से सैलरी में देरी के लिए माफी मांगी है.
जेट काफी दिनों से वित्तीय संकट से जूझ रही है, लेकिन सैलरी नहीं दे पाने का मतलब है हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया है. जेट एयरवेज ने कर्मचारियों को जो ई-मेल भेजा है उसके मुताबिक
‘आपकी सैलरी के भुगतान में देरी को लेकर हम माफी चाहते हैं. हमने पायलटों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. कंपनी इसके लिए कोई समाधान निकालने की दिशा में काम कर रही है.’
लगातार घाटे से जूझ रही जेट एयरवेज ने पायलटों, इंजीनियरों और मैनेजमेंट में सीनियर लोगों को अगस्त का बकाया वेतन भी देरी से दिया था. कंपनी ने कहा था कि सितंबर के वेतन में देरी होगी. कंपनी के मुताबिक अगस्त महीने के 50 फीसदी बकाया वेतन का भुगतान 26 सितंबर को हो जाना था लेकिन उस रकम में से सिर्फ आधे का भुगतान कर पाई थी.
कैसे आसमान से जमीन पर आ गया जेट एयरवेज
- जनवरी-मार्च में घाटा: कमाई गिरने और खर्च बढ़ने से जनवरी-मार्च (2018) तिमाही में करीब 1,040 करोड़ का घाटा.
- जेट-जेटलाइट मर्जर नामंजूर: मई 2018 में जेट एयरवेज में इसकी सब्सिडियरी जेटलाइट के मर्जर को मंजूरी नहीं मिली
- सैलरी कटौती: अगस्त होते होते नकदी की ऐसी कमी हुई कि एयरलाइंस को वरिष्ठ कर्मचारियों की सैलरी में 25 फीसदी कटौती करनी पड़ी
- पहली तिमाही में घाटा बढ़ा: चालू वित्तीय साल 2018-19 की पहली तिमाही में घाटा 30 परसेंट से ज्यादा बढ़कर 1323 करोड़ रुपये पहुंचा. कर्मचारियों को अगस्त महीने की आधी सैलरी ही मिली
- इनकम टैक्स छापे: इनकम टैक्स अधिकारियों ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों को लेकर कंपनी के मुंबई और दिल्ली दफ्तर पर सर्वे किया
- सितंबर 2018: वित्तीय परेशानियों का सामना कर रही जेट एयरवेज ने इकोनॉमी क्लास में फ्री खाना न देने का फैसला किया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)