उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के झांसी (Jhansi) में घूसखोरी से परेशान होकर एक किसान की आत्महत्या (Farmer Suicide) से मौत हो गई. आरोप है कि खेत की पैदाइश के एवज में किसान से दस हजार रुपए घूस की डिमांड की गई थी. मृतक किसान ने मरने से पहले कानूनगो के खिलाफ सुसाइड नोट लिखा था, पुलिस ने किसान का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
ये है पूरा मामला
दरअसल यह पूरा मामला झांसी जनपद के पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम फतेहपुर स्टेट का है. जहां एक किसान ने अपने दर्द को सुसाइड नोट पर लिखा, इस नोट में लेखपाल पर मृतक किसान ने घूस मांगने का आरोप लगाया है और सुसाइड से पहले किसान ने जिले के आला अफसरों से कई बार मदद की गुहार लगाई थी. लेकिन इस किसान को कोई भी सुनने वाला नहीं था. किसान ने तहसील दिवस में भी सुसाइड से पहले शिकायत की थी.
लेकिन इसका कुछ हल नहीं निकला था. बताया जा रहा है कि किसान कई सालों से अपने खेत की जमीन की नपाई के लिए लेखपाल और कानूनगो के पास फरियाद लगा रहा था. आखिरकार परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली. जैसे ही इसकी भनक शहर के लोगों को लगी, तो सनसनी फैल गई. किसान ने नेशनल हाईवे 27 फतेहपुर ओवर ब्रिज के पास आत्महत्या की.
घटना के बाद SDM, पुलिस क्षेत्राधिकारी स्नेहा तिवारी एवं भारी पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.
आरोप है कि किसान की जमीन को लेकर विवाद चल रहा था, जिसकी नाप कर्मचारियों ने सही तरीके से नहीं की थी. जिस वजह से वह बड़ा परेशान था. मौके पर पहुंचे आला अधिकारी जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं. SDM से बात करने पर उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
मृतक किसान के बेटे का आरोप- पिता से कहा गया जो चाहो कर लेना
मृतक किसान के बेटे जिगा लाल ने मीडिया को बताया कि, "उनके पास डेढ़ बीघा जमीन है जिसपर 11 साल से मुकदमा चल रहा था और जो नप नहीं पा रही थी, कानून विभाग आकर नापकर चले जाते थे और दस हजार रुपए रिश्वत के मांगे गए थे, जब उनके पिता कल विभाग में गए तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाओ जो चाहो कर लेना"
मृतक किसान के बेटे ने आगे कहा कि जब उनके पिता ने विभाग के कर्मचारियों से कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे तो उनसे कहा गया जाओ कर लेना, जिसके बाद उनके पिता ने आत्महत्या कर ली.
एसडीएम अंकुर श्रीवास्तव ने मामले को लेकर कहा कि उनको जानकारी प्राप्त हुई है कि, "किसान ने दुबारा नाप के लिए प्राथनापत्र दिए थे इस संबंध में प्रथम दृष्टतालेखपाल और आरआई पर कार्रवाई कर ससपेंड किया गया है और किसान के परिवार की शासन की तरफ से मदद करा रहें हैं."
(न्यूज इनपुट्स - विवेक मिश्रा)
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)