ADVERTISEMENTREMOVE AD

झारखंड सरकार की स्कीमों पर लिखने वाले पत्रकारों को 15 हजार का ऑफर

झारखंड सरकार की स्कीम के मुताबिक लेख लिखने के लिए चुने गए पत्रकारों को इसे अखबारों में छपवाना भी होगा

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

झारखंड सरकार ने अपनी योजनाओं के बारे में आर्टिकल लिखने के लिए पत्रकारों को 15 हजार रुपये देने का ऐलान किया है. झारखंड सरकार ने कहा है कि उसकी वेलफेयर स्कीमों के लिए लिखने वाले पत्रकारों को 15 हजार रुपये दिए जाएंगे. पत्रकारों को पैसा तब मिलेगा जब वो चुने गए विषयों पर लेख लिख कर अखबार में छपवाने के बाद उसकी कतरन जनसंपर्क विभाग में जमा कराएंगे. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों को अपने लेख के वीडियो प्रसारण का क्लिप जमा कराना होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अखबारों में विज्ञापन छपवा कर किया ऐलान

झारखंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आइपीआरडी) के निदेशक की ओर से इस बारे में 14 सितंबर को रांची के अखबारों में विज्ञापन छपवाया गया है. विज्ञापन में कहा गया है कि सरकार की वेलफेयर स्कीमों के बारे लिखने वाले पत्रकारों का सेलेक्शन एक कमेटी करेगी. 16 सितंबर तक अपना विषय सुझाने वाले 30 पत्रकारों का चयन करने के बाद यह कमेटी उन्हें संबंधित विषयों पर लिखने के लिए एक महीने का समय देगी. इस दौरान इन्हें अपना लेख अखबार या किसी और जगह छपवाना होगा. यही काम टीवी चैनलों के रिपोर्टरों को करना होगा. इसके बाद इन पत्रकारों को प्रति आलेख 15 हजार रुपये तक का भुगतान करा दिया जाएगा.

झारखंड सरकार की स्कीम के मुताबिक लेख लिखने के लिए चुने गए पत्रकारों को इसे अखबारों में छपवाना भी होगा
0

स्कीमों पर लिखवाने के लिए पत्रकारों को दौरे करा रही है सरकार

25 लेखों को जनसंपर्क विभाग की बुकलेट में छापा जाएगा. इसमें लिखने वाले पत्रकारों को 5 हजार रुपये और (सम्मान राशि के बतौर) दिए जाएंगे. पिछले कुछ समय से झारखंड सरकार पत्रकारों और अखबारों के लिए कई योजना चला रही है. सरकार अपने खर्चे पर पत्रकारों को अपने खर्चे पर अलग-अलग जिलों का दौरा करा रही है. इस दौरान रहने-खाने और आने-जाने का पूरा खर्च सरकार देती है. इसके बाद इन पत्रकारों के लेखों को अखबारों में छपवाया जाता है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

विपक्ष ने कहा,सरकार ने सारी हदें लांघीं

सरकार की ओर से इस स्कीम के बारे में विज्ञापन छपवाने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार ने नैतिकता की सारी हदें तोड़ दीं. वह खुल्लमखुल्ला विज्ञापन निकाल कर पत्रकारों को सरकार के विकास कार्यक्रमों के बारे में लिख कर पैसे कमाने का ऑफर दे रही है.

राज्य सरकार ने झारखंड के पत्रकारों के लिए पेंशन और बीमा स्कीम की भी शुरुआत की है. एक मोटे अनुमान के मुताबिक झारखंड सरकार ने विज्ञापनों पर 400 करोड़ से भी अधिक खर्च किया है. झारखंड में इस साल चुनाव होने वाले हैं. इसे सरकार की जनसंपर्क हिस्सा का अभियान समझा जा रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें