दावा
लोगों पर गोलियां दागते पुलिसकर्मियों का एक वीडियो आजकल वायरल हो रहा है. सरकार की ओर से कश्मीर में सुरक्षाकर्मियों की ओर से गोलियां दागने की खबरों के खंडन के बावजूद वीडियो वायरल करके दावे किये जा रहे हैं कि वहां निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाई जा रही हैं. यह वीडियो ट्विटर पर कोई बार शेयर किया जा चुका है. हालांकि एक यूजर ने यह डिस्क्लेमर दिया है कि यह पुराना या नया वीडियो हो सकता है लेकिन यह साफ है कि कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन के खिलाफ सड़क पर उतरे निहत्थे लोगों पर पुलिस फायरिंग कर रही है.
यह वीडियो एक ट्विटर यूजर अली केसकिन ने शेयर किया है, जिसके 5,02,000 फॉलोअर हैं. हालांकि बाद में यह वीडिया हटा लिया गया.
दावा सच या झूठ?
दरअसल यह वीडियो न तो हाल का है और न ही कश्मीर का. दरअसल यह 2017 का वीडियो झारखंड का है, जिसमें खूंटी पुलिस मॉक ड्रिल कर रही है.
हमने क्या पाया ?
Invid Google Chrome extension का इस्तेमाल करने के दौरान हमें एक ऐसा वीडियो मिला जो एक यूजर ने यूट्यब पर अपलोड किया था. यह वीडियो 1 नवंबर 2017 को अपलोड किया गया था. यूजर ने इसमें कहा था कि यह वीडियो झारखंड में खूंटी पुलिस के मॉक ड्रिल का हिस्सा है.
इस वीडियो में पुलिस को यह घोषणा करते हुए सुना जा सकता है कि यह खूंटी पुलिस की ओर से किया जा रहा है मॉक ड्रिल है. पुलिस के सामने ऐसी स्थिति आती है, इसलिए उसे इससे निपटने के लिए ट्रेनिंग लेनी पड़ती है.
वीडियो से फैलाए जा रहे झूठ को कैसे पकड़ा?
हमने इस फेक न्यूज को इन आधारों पर पकड़ा
- वीडियो में दिख रहा है कि जब पुलिस गोलियां चला रही थीं तो लोग सड़क के दोनों ओर खड़े थे. भीड़ इधर-उधर छितरी नहीं दिख रही है. एक जगह खड़ी है. जब असल में गोलियां चलती हैं तो अफरातफरी मच जाती है.
- जब पुलिस गोली चला रही है तो धुआं उनकी बंदूकों से नहीं बल्कि कहीं और से आ रहा है. (00:05 सेकेंड के दौरान)
- जैसे ही विरोधियों को गोलियों से गिरा दिया जाता है. बाकी प्रदर्शनकारियों की भीड़ छंट जाती है और पुलिस का रुख कैजुअल हो जाता है. जबकि इस तरह के असली हालातों में पुलिस लोगों के पीछे भागती नजर आती है.
- इस ड्रिल की शुरुआत से लेकर आखिर तक लोग हंसते और बातें करते नजर आ रहे हैं.
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