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आतंकी बुरहान वानी के भाई की मौत पर मुआवजा देगी जम्मू-कश्मीर सरकार

खालिद की मौत पिछले साल 13 अप्रैल को त्राल के बुचू वन इलाके में सुरक्षा बलों की ओर से की गई गोलीबारी में हो गई थी.

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जम्मू-कश्मीर सरकार हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी बुरहान वानी के भाई की मौत के लिए मुआवजा देगी. दरअसल, सरकार ने घाटी में आतंकी घटनाओं में मारे गए 17 लोगों के परिजनों को मुआवजा देने को मंजूरी दी है. इन 17 लोगों की लिस्ट में आतंकी बुरहान वानी के भाई खालिद मुजफ्फर वानी का नाम भी शामिल है.

खालिद की मौत पिछले साल 13 अप्रैल को त्राल के बुचू वन इलाके में सुरक्षा बलों की ओर से की गई गोलीबारी में हो गई थी.

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आपत्ति दर्ज कराने के लिए हफ्ते भर का समय

हालांकि, अभी मुआवजे के लिए औपचारिक आदेश जारी नहीं किया गया है. आदेश जारी करने से पहले आपत्ति दर्ज कराने के लिए हफ्तेभर का समय दिया गया है.

पुलवामा के डिप्टी कमिश्नर मुनीर उल इस्लाम की ओर से सोमवार को जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, आतंकी घटनाओं में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल की इंवेस्टिगेटिंग-कंसल्टिंग कमेटी ने मुआवजा राहत को मंजूरी दी है.

उनकी अध्यक्षता में कमेटी की बैठक 24 नवंबर को हुई थी. उन्होंने आपत्तियां मंगवाई हैं. आपत्तियां औपचारिक आदेश जारी होने से सात दिन पहले दर्ज करानी होंगी.

मिल सकता है 4 लाख का मुआवजा

नियमों के मुताबिक, ऐसे मामलों में चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है.

इस साल आठ जुलाई को दक्षिण कश्मीर के कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में आतंकी बुरहान वानी मारा गया था. इसके बाद से घाटी में कई प्रदर्शन हुए, जिसमें 86 लोगों की मौत हो गई थी. 

सेना का खालिद की मौत के बाद बयान आया था कि वो हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़ा था और एक मुठभेड़ में मारा गया था.

हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आतंकवाद से उसका कोई लेनादेना नहीं था. खालिद (25) इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय से पाॅलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रहा था.

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