JNU छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तबीयत भूख हड़ताल की वजह से ज्यादा बिगड़ती जा रही है. भूख हड़ताल के दौरान कन्हैया कई बार बेहोश हुए. उनके ब्लड प्रेशर में भी गिरावट दर्ज की गई. खून में ग्लूकोज की मात्रा भी घट गई है.
डॅाक्टर के अनुसार, अगर उन्होंने अनशन खत्म नहीं किया, तो शरीर के अंदर खून रिसने का खतरा हो सकता है. तबीयत खराब होने की वजह से 3 अन्य छात्रों को भी हड़ताल खत्म करने के लिए कहा जा रहा है.
लगातार स्वास्थ्य में गिरावट के बावजूद छात्रों ने अपना विरोध जारी रखने का ऐलान किया है. उन्होंने JNU प्रशासन पर छात्रों के प्रति असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया है.
बुधवार को JNU प्रशासन ने भूख हड़ताल को अवैध गतिविधि बताते हुए छात्रों से इसे खत्म करने की अपील जारी की थी. JNU के वाइस चांसलर ने एक बयान के जरिए कहा कि वे भूख हड़ताल की वजह से छात्रों के खराब होते स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं.
ABVP ने अपनी हड़ताल वापस ली
JNU छात्रसंघ के संयुक्त सचिव सौरभ शर्मा का स्वास्थ्य अधिक खराब होने पर ABVP ने बुधवार को अपनी हड़ताल खत्म कर दी. उन्होंने बताया कि JNU प्रशासन ने उनकी मांगों पर विचार करने की मांग स्वीकार कर ली है.
9 फरवरी के विवादित कार्यक्रम के मुख्य शिकायतकर्ता सौरभ को बुधवार के दिन इलाज के बाद एम्स अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. वहीं लेफ्ट के छात्र संगठन ने HLEC रिपोर्ट के खिलाफ अपनी मांगोंं को माने जाने तक हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है.
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