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JNU: राजनाथ का निर्देश, लापता स्टूडेंट को ढूंढेगी स्पेशल टीम 

गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने राजनाथ सिंह को नजीब के गायब होने और उसके बाद के घटनाक्रमों की जानकारी दी है.

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पिछले 6 दिनों से लापता जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के स्टूडेंट नजीब अहमद के गायब होने को लेकर कुछ स्टूडेंट्स बुधवार को वीसी, प्रॉक्टर और अन्‍य आॅफिशियल को बंधक बनाए रखा और यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेशन ब्लॉक का घेराव किया.

लेकिन 24 घंटे बाद अब यह घेराव खत्म हो चुका है. वीसी और बाकी अधिकारी बाहर आ चुके हैं.

21 घंटे तक वीसी को रखा बंधक

जेएनयू स्टू़डेंट्स का कहना है कि लापता छात्र नजीब को ढूंढने के लिए यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन कुछ नहीं कर रहा है.

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के सदस्य रामा नागा ने अधिकारियों के घेराव के आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि 'छात्र प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर इकट्ठे हुए हैं, ताकि वे हमसे बात कर सकें.'

जैसा कि आप सब जानते हैं कि पिछले 21 घंटों से गैरकानूनी तरीके से जेएनयू के कुछ छात्रों ने हमें बंधक बना रखा है. कल सारी रात हम छात्रों को समझाते रहे कि हमने नजीब को ढूंढने के लिए कई सारे कदम उठाए हैं. अभी सब से बड़ी चिंता की बात नजीब का यूनिवर्सिटी से गायब होना है. लेकिन विरोध कर रहे छात्र बात नहीं करना चाहते हैं.
एम जगदीश कुमार, कुलपति

स्टूडेंट्स ने रखी दो मांगें

घेराव करने वाले स्टूडेंट्स की मांग थी कि जब तक नजीब अहमद को पीटने वाले छात्रों पर वीसी की ओर से कार्रवाई नहीं होती है, वह अधिकारियों को बाहर नहीं आने देंगे. इसके अलावा वह नजीब को जल्द से जल्द खोजने की भी मांग कर रहे हैं.

स्‍टूडेंट के गायब होने पर गरमाया मामला

नजीब अहमद स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का स्टूडेंट है. वह 14 अक्टूबर की रात से जेएनयू के हाॅस्टल माही-मांडवी से लापता है. नजीब के लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था.

बताया जा रहा है कि हॉस्टल मेस कमेटी के चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्य हॉस्टल में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी नजीब और एबीवीपी के लोगों के बीच-कहा सुनी हो हुई थी. झगड़े के दूसरे दिन से नजीब लापता है.

इस मामले पर कैंपस राजनीति भी गरमाई हुई है. जेएनयू के पूर्व जनरल सेक्रेटरी एबीवीपी के सौरभ शर्मा को जान से मारने की धमकी भरे लेटर्स मिल रहे हैं.

50,000 रुपये इनाम की घोषणा

दिल्ली पुलिस ने नजीब अहमद के बारे में सूचना देने वाले को 50,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की.

वसंत कुंज नॉर्थ थाने में पुलिस में उसके अपहरण की शिकायत दर्ज कराई गई है. इस मामले की यूनिवर्सिटी ने भी जांच शुरू कर दी है.

जेएनयू के छात्रों ने अहमद के बारे में पता लगाने के लिए जेएनयू के आसपास के इलाकों और यूनिवर्सिटी के लिए जाने वाली प्रमुख सड़कों पर 'लापता' पोस्टर भी लगाए हैं.

राजनाथ सिंह ने मांगी रिपोर्ट

विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को दिल्ली के पुलिस से रिपोर्ट तलब की. गृह मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त आलोक कुमार वर्मा से मामले की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है.

गृह मंत्री ने शहर के पुलिस आयुक्त से बातचीत की है और मामले में एक रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
के. एस. धतवालिया, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता

किरण रिजिजू ने राजनाथ सिंह से मामले पर की बात

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को नजीब के गायब होने और उसके बाद के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी है.

रिजिजू ने कुलपति एम. जगदीश कुमार और दूसरे अधिकारियों को इमारत में रोके रखने लिए छात्रों की आलोचना की.

जेएनयू एक बड़ा संस्थान है. छात्रों को पढाई पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्हें अपनी सारी गतिविधियां कानून-व्यवस्था के दायरे में रखनी चाहिए.विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य अधिकारियों को बंधक बनाना बहुत गलत है. ऐसा लग रहा है कि छात्र जेएनयू अध्ययन के लिए नहीं, राजनीति करने जाते हैं.
किरण रिजिजू, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री

मैं अपने बच्चे को देखना चाहती हूं: नजीब की मां

नजीब अहमद की मां फातिमा ने प्रशासन से अपने बच्चे की तलाश में मदद करने की गुहार लगाई है.

"मैं बहुत छोटी सी जगह से हूं. मैं अपने बच्चे को सुरक्षित देखना चाहती हूं. मुझे नहीं पता कि उसने कुछ खाया भी है या भूखा है."

मुझे एक बार मेरे बच्चे का चेहरा दिखा दीजिए. इसके बाद आप चाहे तो एक महीने के लिए रख लीजिए. मैं एक शब्द भी नहीं कहूंगी. लेकिन एक बार मुझे उसे दिखा दीजिए.
फातिमा, नजीब अहमद की मां

फातिमा ने कहा, "मेरी हर किसी से अपील है कि मुझे अपने बच्चे को खोजने में मदद करें."

उनका कहना है कि उन्हें 14 अक्टूबर की रात नजीब का एक घबराहट भरा कॉल मिला था, जिसके बाद वह उत्तर प्रदेश के बदायूं से यहां पहुंचीं.

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