द न्यूज मिनट के मुताबिक, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की एक करीबी सहयोगी जेएनयू से जुड़े वीडियो से कथित तौर पर छेड़छाड़ कर उन्हें फैलाने के पीछे है.
जेएनयू में 9 और 11 फरवरी को कथित देशविरोधी नारे लगाने से जुड़े 7 वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए. पीटीआई पहले ही खबर दे चुका है कि इन 7 में से कम से कम 2 वीडियो से छेड़छाड़ की गई है.
‘द न्यूज मिनट’ की खबर में कहा गया कि शिल्पी तिवारी, जो कि स्मृति ईरानी की करीबी सहयोगी बताई जा रही हैं, वह पिछले हफ्तों में इन डॉक्टर्ड वीडियो को फैलाने का काम कर रही थीं. तिवारी पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान अमेठी में ईरानी की कैंपेन मैनेजर भी थीं.
रिपोर्ट के मुताबिक, शिल्पी द्वारा शेयर किए गए दूसरे वीडियो में आवाज और होठों के हिलने में मिलान नहीं हो पाया है, क्योंकि आवाज और फुटेज दोनों अलग अलग स्रोतों से ली गई हैं. पर इन्हें इस तरह मिलाने की कोशिश की गई है कि ये एक सच्ची घटना की सीधी रिकॉर्डिंग लगें.
शिल्पी के इसमें शामिल होने की खबर पर उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा बाहर निकला. खबर है कि तिवारी ने अपना ट्विटर अकाउंट मंगलवार को डीएक्टिवेट कर लिया. बाद में वे वापस ऑनलाइन आ गईं, लेकिन उनके अकाउंट पर 27 फरवरी के बाद से कोई ट्वीट नहीं किया गया.
बुधवार को शिल्पी तिवारी ट्विटर पर ट्रेंड करती रहीं. कुछ लोग उनके समर्थन में नजर आए, बाकी उनके विरोध में.
इसके अलावा यह भी सामने आया है कि शिल्पी तिवारी को कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस पद के लिए जरूरी योग्यताओं से राहत भी दी है.
कन्हैया कुमार के वीडियो से छेड़छाड़ में शिल्पी तिवारी का नाम आने के बाद नीचे दिया गया यह मीटिंग नोट ट्विटर पर खूब शेयर किया जा रहा है.
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