जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को स्टूडेंट यूनियन चुनाव के लिए वोटिंग हुई. वोटिंग दो चरणों में सुबह 9:30 बजे से दोपहर एक बजे और 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक हुआ. अब इसके नतीजे 11 सितंबर को आएंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अधिकतर केंद्रों पर पहले चरण में मतदान प्रतिशत 25 से भी कम रहा. मतदाताओं की कुल संख्या करीब आठ हजार है. हालांकि, मतदान के दूसरे चरण में मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखने को मिलीं.
AISF और इसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार अपराजिता राजा के लिए प्रचार करने वाले छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि बीते दो सालों में कई घटनाक्रमों के कारण इस साल मतदान प्रतिशत बहुत कम रहा.
ये बीते दो साल में नजीब के लापता होने के मामले और सीटों में कटौती सहित कई घटनाओं के कारण छात्रों में भरोसे की कमी के चलते हो सकता है. दक्षिणपंथ और सीट कटौती के खिलाफ लड़ने के बावजूद जेएनयूएसयू इच्छानुसार नतीजे देने में नाकाम रहा है.कन्हैया कुमार, छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, जेएनयू
चुनाव में ये हैं उम्मीदवार
- शबाना अली (बपसा)
- फारूख आलम (निर्दलीय)
- निधि त्रिपाठी (एबीवीपी)
- वृश्णिका (एनएसयूआई)
- अपराजिता (एआईएसएफ)
- गीता (आइसा-एसएफआई-एएसएफ)
चुनाव में नजीब रहा सबसे बड़ा मुद्दा
जेएनयू में इस बार सबसे बड़ा मुद्दा नजीब अहमद रहा. जो 14 अक्टूबर 2017 की रात से जेएनयू के हॉस्टल माही-मांडवी से लापता हो गया था. वो स्कूल ऑफ बायो टेक्नोलॉजी का स्टूडेंट था. नजीब के लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था. हॉस्टल मेस कमेटी के चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्य हॉस्टल में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी नजीब और एबीवीपी के लोगों के बीच-कहा सुनी हो हुई थी.
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