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नहीं रही कूड़े के ढेर पर मिली ‘पीहू’,पत्रकार कपल लेना चाहते थे गोद

राजस्थान के नागौर जिले में कूड़े के ढेर पर मिली थी नवजात बच्ची

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राजस्थान के नागौर में कूड़े के ढेर पर मिली बच्ची को बचाया नहीं जा सका. बच्ची को पीहू नाम देने वाले और उसे गोद लेने की चाहत रखने वाले फिल्ममेकर और पत्रकार विनोद कापड़ी ने इसकी जानकारी दी है.

बीते 14 जून को नवजात बच्ची नागौर में एक कूड़े के ढेर पर पाई गई थी. इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पत्रकार विनोद कापड़ी ने उस बच्ची को गोद लेने की इच्छी जताई थी. बच्ची के इलाज के लिए पत्रकार कापड़ी ने भरसक कोशिश की. उन्होंने उस बच्ची को 'पीहू' नाम दिया था.

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पत्रकार ने ट्विटर पर दी जानकारी

विनोद कापड़ी बच्ची के मिलने के बाद से लगातार उससे मिलने पहुंच रहे थे. बीते रविवार को भी वह बच्ची से मिलने जयपुर पहुंचे थे. कापड़ी ने ट्विटर पर लिखा कि उन्हें नहीं पता था कि ये उनकी बच्ची से आखिरी मुलाकात होगी. कापड़ी ने लिखा-

वो लड़ी, लगातार लड़ी. लेकिन आखिर में बचाई नहीं जा सकी. आपकी प्यारी पीहू नहीं रही. कल (रविवार) मैं उससे जयपुर में मिला था. उसकी हालत बहुत गंभीर थी लेकिन मैंने नहीं सोचा था कि ये मेरी उससे आखिरी मुलाकात होगी. 

बच्ची को गोद लेना चाहते थे पत्रकार विनोद कापड़ी

विनोद कापड़ी और उनकी पत्नी साक्षी जोशी बच्ची को अडॉप्ट करने के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने में लगे थे.

बीते 14 जून को नागौर में बच्ची एक कूड़े के ढेर पर पाई गई थी. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कापड़ी ने सोशल मीडिया के जरिए बच्ची का पता लगाया और उसके बेहतर इलाज के लिए तमाम कोशिशें की.

विनोद कापड़ी और साक्षी जोशी ने बीते 16 जून को नागौर के जिलाधिकारी से मिलकर बच्ची को कानूनी तौर पर अपने परिवार का हिस्सा बनाने की पेशकश की थी.

उस वक्त विनोद कापड़ी ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा था,

‘हम बच्ची को गोद लेने के लिए जल्द से जल्द कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेना चाहते हैं. इसी सिलसिले में मैंने और मेरी पत्नी ने नागौर के कलेक्टर से मुलाकात की और उनसे बच्ची को गोद लेने की प्रक्रिया जानी.’  

जिलाधिकारी से मिलने से पहले विनोद कापड़ी और उनकी पत्नी साक्षी जोशी ने जेएलएन हॉस्पिटल पहुंचकर बच्ची से मुलाकात की थी और डॉक्टरों से उनकी स्थिति के बारे में जानकारी ली थी. उस वक्त बच्ची सांस लेने की समस्या से जूझ रही थी.

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