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ट्रिपल तलाक मामला: पत्नी ने जज को खून से चिट्ठी लिखकर मांगा इंसाफ

शबाना ने खत में लिखा है वह ऐसे पर्सनल लॉ को नहीं मानती, जिससे मेरा और बेटी का भविष्य खराब हो.

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मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक मुस्लिम महिला ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को खून से खत लिखकर न्याय की मांग की है.

देवास जिले के दत्तोतर गांव की शबाना ने बुधवार को बताया कि उसकी शादी हाटपिपलिया निवासी टीपू से 25 मई, 2011 को मुस्लिम रीति-रिवाज के साथ हुई थी, उसकी चार साल की एक बेटी भी है, पति ने उसे तीन बार तलाक का नोटिस भेजकर 16 नवंबर, 2016 को दूसरी शादी कर ली.

शबाना ने खत में लिखा है वह ऐसे पर्सनल लॉ को नहीं मानती, जिससे मेरा और मेरी बेटी का भविष्य खराब हो.

शबाना ने देश के कानून में भरोसा जताते हुए लिखा है, "तीन तलाक के कानून को रद्द किया जाए और मुझे न्याय दिलाया जाए."

पति ने सपनों पर पानी फेर दिया

शबाना ने बताया है कि उसने नर्सिंग की पढ़ाई की है और पति खेत में काम कराना चाहता था. खेत मे काम करने से मना करने पर मारपीट करता था, मैं परिवार के साथ रहना चाहती थी, मगर उसने ऐसा नहीं होने दिया.

वहीं पति टीपू ने संवाददाताओं से कहा कि उसके परिवार ने शबाना को कई बार बुलाया, मगर वह घर आने को तैयार ही नहीं हुई. उसने आरोपों का झूठा करार दिया है.

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