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जयललिता की मौत की न्यायिक जांच करवाएगी तमिलनाडु सरकार

कुछ लोगों का आरोप है कि जयललिता की मौत में साजिश की गई थी. 

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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलनीसामी ने गुरूवार को जयललिता की मौत की जांच एक रिटायर्ड जज के नेतृत्व में एक कमीशन से करवाने की बात कही. लेकिन फिलहाल जज के नाम की घोषणा नहीं हुई है.

जयललिता की मौत कार्डिएक अरेस्ट के चलते पिछले साल 5 दिसंबर को हो गई थी. उन्हें 22 सितंबर को डिहाईड्रेशन और फीवर के चलते चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था. कुछ रिपोर्टों में उनकी मौत में साजिश होने की बात कही गई थी.

मुख्यमंत्री ने जयललिता के घर वेद निलयम को एक मेमोरियल में बदलने की भी घोषणा की है. मेमोरियल पब्लिक के लिए ओपन रहेगा.

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ये दोनों ही मांगे पलनीसामी और पनीरसेल्वम के बीच हुए समझौते का हिस्सा थीं. दरअसल जयललिता की मौत के बाद शुरू हुए राजनीतिक घमासान में पार्टी में दो भाग हो गए थे. शशिकला के जेल जाने के बाद पिछले कुछ दिनों से इन दोनों को मिलाने की कोशिश की जा रही है.

दोनों धड़े पिछले दिनों एक समझौते पर भी पहुंचे थे. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम की ओर से कुछ मांगे रखी गईं थीं. इनमें जयललिता की मौत की न्यायिक जांच, उनके घर को मेमोरियल में बदलने की मांग भी शामिल थीं.

लेकिन शशिकला और उनके भतीजे दिनकरन के पार्टी से निकालने की पनीरसेल्वम की मांग पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है. दिनकरन ने एक मदुरै में एक रैली कर शक्ति प्रदर्शन किया था. इसमें 23 विधायकों और 4 सांसदों ने हिस्सा लिया था. इतने विधायक पलनीसामी की सरकार गिराने के लिए काफी हैं.

अगर पलनीसामी और पनीरसेल्वम के गुटों का मर्जर हुआ तो पलनीसामी मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं. वहीं पलनीसामी को महासचिव बनाया जाएगा.

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