पिछले दिनों साध्वी प्रज्ञा ने मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर विवादास्पद बयान देकर हंगामा खड़ा कर दिया था. साध्वी ने कहा था कि करकरे की मौत उनके श्राप की वजह से हुई है.
संडे एक्सप्रेस से बातचीत में करकरे की बेटी जूई नवारे ने कहा है कि साध्वी प्रज्ञा का बयान जवाब देने लायक भी नहीं है, उस पर बातचीत कर वे इसे बढ़ावा देना नहीं चाहतीं. हेमंत करकरे रोल मॉडल थे, उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाना चाहिए.
जूई नवारे ने पिता के शहीद होने के 11 साल बाद अपना मौन तोड़ा है. पूर्व एटीएस प्रमुख की बेटी ने कहा कि ‘लोगों को याद होना चाहिए कि वो मौत के वक्त भी देश और शहर की रक्षा करने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने अपनी वर्दी को जिंदगी और परिवार के पहले रखा.’
उन्होंने हमें सिखाया कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता. कोई भी धर्म किसी को मारना नहीं सिखाता. इस विचारधारा को हराने की जरूरत है. अपनी 24 साल की नौकरी में उन्होंने सभी की मदद की. अपनी मौत के वक्त भी वो देश और शहर की सुरक्षा करने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें अपनी वर्दी से प्यार था. वर्दी को उन्होंने परिवार और खुद की जान के पहले रखा. मैं बस इतना ही चाहती हूं कि सभी इस बात को याद रखें.जूई नवारे, शहीद हेमंत करकरे की बेटी
38 साल की जूई नवारे, करकरे के तीन बच्चों में सबसे बड़ी हैं. वे अपने पति के साथ अमेरिका में रहती हैं. उनकी दो बेटियां भी हैं.
साध्वी ने दिया था विवादास्पद बयान...
दो हफ्ते पहले भोपाल से बीजेपी की लोकसभा उम्मीदवार घोषित होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने दावा किया था कि करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट की जांच करने वाले हेमंत करकरे को उन्होंने श्राप दिया था, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी.
अक्टूबर 2008 में मुंबई हमले के एक महीने पहले महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख करकरे के नेतृत्व में 11 लोगों को मालेगांव बम धमाकों की जांच में गिरफ्तार किया गया था. इनमें ठाकुर भी शामिल थीं.
सोर्स: द संडे एक्सप्रेस/इंडियन एक्सप्रेस
पढ़ें ये भी: ‘मसूद को श्राप दे देतीं प्रज्ञा, तो न करनी पड़ती सर्जिकल स्ट्राइक’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)