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CJI दीपक मिश्रा संतुष्ट,मनोनीत CJI गोगोई ने कहा माहौल चैलेंजिंग

रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वो बहुत संतुष्ट होकर रिटायर हो रहे हैं

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सुप्रीम कोर्ट के मनोनीत चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के मुताबिक दुनिया का मौजूदा माहौल चुनौतीपूर्ण है. इसकी वजह ये है कि बहुत सी ताकतें इस बात को कंट्रोल करना चाहती हैं कि लोग क्या पढ़ें, बोलें और सोचें.

रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के विदाई समारोह में जस्टिस गोगोई ने कहा कि लोगों की लाइफ को कंट्रोल करने वालों की फितरत करने वालों के बीच संविधान के मूल्यों की रक्षा करना सबसे चैलेंजिंग काम होगा.

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तीन अक्टूबर को चीफ जस्टिस के तौर पर शपथ लेने वाले जस्टिस गोगोई का मानना है कि अपने से अलग लोगों से घृणा करने के चलन के दौर में सुप्रीम कोर्ट की अहमियत बहुत ज्यादा बढ़ गई है कि कैसे लोगों के हक सुरक्षित रखे जाएं. उनके मुताबिक हम इस वक्त धर्म, जाति, लिंग, क्लास तमाम बातों पर विभाजित हैं.

जस्टिस गोगोई के मुताबिक संविधान ही हमारे लिए गाइडिंग फोर्स है. उन्होंने संविधान निर्माता बी आर अंबेडकर का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा था मुझे लगता है कि संविधान लचीला भी है और हमें एकजुट रखने लायक मजबूत भी है.

जस्टिस गोगोई ने रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की तारीफ में कहा कि जज के तौर पर उनका कार्यकाल संवैधानिक मामलों में शानदार काम के तौर पर याद किया जाएगा. उनके मुताबिक जस्टिस मिश्रा ने खासतौर पर मॉब लिंचिंग और ऑनर किलिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है.

बार काउंसिल की तरफ से दिए गए विदाई समारोह में रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वो बहुत संतुष्ट होकर रिटायर हो रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैं लोगों को इतिहास से नहीं बल्कि उनके काम से प्रभावित होकर सम्मान करता हूं.” उनके मुताबिक

कानून स्थिर नहीं होता, लचीला होता है वक्त के मुताबिक इसमें बदलाव आते हैं. इसलिए सबसे जरूरी यही है कि न्याय का मानवीय पहलू होना चाहिए, न्याय संतुलित होना चाहिए.
दीपक मिश्रा, रिटायर हो रहे चीफ जस्टिस

जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हर मामला हमारे लिए एक जैसा है. गरीब और अमीर के आंसू अलग अलग नहीं होते. लोकप्रिय धारणा कभी भी न्याय का तकाजा नहीं हो सकती. न्यायपालिका की स्वतंत्रता हमेशा बरकरार रहना चाहिए, सुप्रीम कोर्ट हमेशा सुप्रीम रहेगा. उन्होंने कहा कि कामकाज की साफ सुथरी चर्चा में कोई दिक्कत नहीं है पर हर चीज में कोई मकसद नहीं देखना चाहिए.

जस्टिस दीपक मिश्रा के मुताबिक भारतीय न्यायपालिका दुनिया की सबसे बेहतरीन न्यायपालिका है. हमारी न्यायपालिका सबसे मजबूत संस्था है जो मुसीबत के वक्त भी एकजुट रहती है.

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