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सुप्रीम कोर्ट में तीन जजों को शपथ,जस्टिस जोसेफ ने आखिर में ली

विवाद जस्टिस जोसेफ को सबसे बाद में शपथ दिलाने को लेकर था 

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सीनियरिटी के मुद्दे पर पैदा हुए विवाद के बीच उत्तराखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ मंगलवार को तीसरे नंबर पर ही सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ दिलाई गई. उनसे पहले जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस विनीत सरन को शपथ दिलाई गई. जस्टिस जोसेफ को पहले शपथ दिलाने के लिए और सीनियरिटी के मुद्दे के लेकर सोमवार को कुछ वरिष्ठ जजों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात की थी. जजों का मानना था कि केंद्र ने प्रमोशन में उनकी वरिष्ठता कम कर दी है.

चीफ जस्टिस ने जजों को भरोसा दिलाया कि सीनियरिटी में दूसरे नंबर के जज जस्टिस रंजन गोगोई से इस मुद्दे पर बात करेंगे. लेकिन फिलहाल जस्टिस जोसेफ को तीसरे नंबर पर ही शपथ दिलाई जाएगी.

महीनों की देर और विवाद के बाद जस्टिस के एम जोसेफ की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के तौर पर तो गई लेकिन शपथ ग्रहण में सीनियरिटी को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया. उन्हें जस्टिस जोसेफ को जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस विनीत सरन के बाद शपथ दिलाया जाना है. इससे तीनों जजों में जस्टिस जोसेफ सबसे जूनियर हो जाएंगे.

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सुप्रीम कोर्ट के सर्कुलर में कहा गया है कि जस्टिस जोसेफ को तीनों जजों में से सबसे आखिर में शपथ दिलाई जाएगी. हालांकि यह कहा जा रहा था कि ये फैसला सरकार का है और इसे जजों की नियुक्ति को नोटिफाई करने के बाद लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जज इसे जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में दखल मान रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों का मानना है कि जस्टिस जोसेफ के भविष्य में चीफ जस्टिस बनने या किसी बेंच के हेड होने की राह में उनका जूनियर होना आड़े आ सकता है.

वैसे जस्टिस जोसेफ के चीफ जस्टिस बनने की संभावना कम हो गई है क्योंकि उनकी नियुक्ति देर से की गई.उन्हें जनवरी में नियुक्त किया जाना था.

विवाद जस्टिस जोसेफ को सबसे बाद में शपथ दिलाने को लेकर था 
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जोसेफ की नियुक्ति जनवरी में होनी थी लेकिन इसमें देर हुई 
(फोटो: रॉयटर्स)

क्या है सीनियरिटी की परंपरा ?

सीनियरिटी की परंपरा के मुताबिक सीनियरिटी इस आधार पर तय होती है कि जज की नियुक्ति कब हुई है. अगर कोई दो जज एक ही दिन नियुक्त हुए हैं तो उनकी नियुक्ति का क्रम उनकी सीनियरिटी तय करेगा. दो जज अगर एक ही दिन नियुक्त हुए हैं तो अधिक दिनों तक हाई कोर्ट को जज रहा जज सीनियर होेगा. हालांकि तकनीकी रूप से देखें तो मंगलवार को जिस क्रम में जज शपथ लेंगे उससे सीनियरिटी भंग नहीं होगी क्योंकि जस्टिस बनर्जी और जस्टिस सरन जस्टिस जोसफ की तुलना में ज्यादा दिनों तक हाई कोर्ट के जज रहे हैं. हालांकि जस्टिस जोसेफ के नाम की सिफारिश कॉलेजियम ने 10 जनवरी 2018 में की थी. जबकि अन्य दो जजों की सिफारिश कॉलेजियम ने 16 जुलाई को की थी.

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