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गुजरात में 'हेट स्पीच' के लिए जेल में बंद दक्षिणपंथी काजल हिंदुस्तानी कौन है?

Kajal Hindustani ने कथित तौर पर रामनवमी समारोह में VHP द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिया था.

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गुजरात (Gujarat) की एक अदालत ने दक्षिणपंथी काजल हिंदुस्तानी (Kajal Hindustani) को 1 अप्रैल को ऊना में कथित तौर पर नफरत फैलाने वाला भाषण देने के आरोप में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

ऊना थाने में आत्मसमर्पण करने के बाद रविवार, 9 अप्रैल की सुबह उसे गिरफ्तार किया गया था. काजल के खिलाफ 2 अप्रैल को धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया काम), 153A (धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (आपत्तिजनक बयान) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

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काजल हिंदुस्तानी ने गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में 30 मार्च को रामनवमी समारोह में विश्व हिंदू परिषद (VHP) द्वारा आयोजित एक हिंदू समुदाय की सभा के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया था.

स्थानीय पुलिस ने मीडिया को बताया कि इस भाषण के बाद ऊना में दो दिनों तक सांप्रदायिक तनाव देखा गया. पुलिस के मुताबिक, 1 अप्रैल को भी दो समुदायों के बीच पथराव की घटना हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई थी.

काजल हिंदुस्तानी कौन है?

अपने ट्विटर बायो के मुताबिक, काजल हिंदुस्तानी एक "उद्यमी, एक शोध विश्लेषक और एक राष्ट्रवादी" है. ट्विटर पर उनके लगभग 95,000 फॉलोअर्स हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं.

काजल का पूर्व नाम काजल शिंगला था. वो अपनी वेबसाइट kajalshingala.com पर खुद को 'गुजरात की शेरनी' बताती है. हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उसने अपने मजबूत राष्ट्रवादी विचारों के कारण अपना नाम बदल लिया था. पिछले कुछ दिनों से अनुपलब्ध उनकी वेबसाइट के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि वह "भारतीय संस्कृति के बारे में जागरूकता फैलाती हैं और हिंदुओं के मानवाधिकारों के लिए काम करती हैं."

काजल खुद को ट्विटर पर "सामाजिक कार्यकर्ता" कहती है. उसे वीएचपी और बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते देखा गया है.

गुजरात के जामनगर शहर की निवासी काजल का दावा है कि उसने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के लिए प्रचार किया था. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, काजल ने 2019 में राजस्थान में बीजेपी नेता ओम बिड़ला के लोकसभा चुनाव अभियान में हिस्सा लिया था. बिड़ला ने चुनाव जीता था और बाद में उन्हें लोकसभा अध्यक्ष चुना गया था.

काजल अक्सर टीवी समाचार चैनल की बहसों में दिखाई देती है, और "प्राउड हिंदू" के रूप में अपनी पहचान के बारे में मुखर है.

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