दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की जमानत याचिका का विरोध करते हुए 9 फरवरी के आयोजन में कन्हैया कुमार की भागीदारी से इनकार किया.
कन्हैया नहीं है आयोजनकर्ता
दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की इस कार्यक्रम के आयोजन में कोई भूमिका नहीं थी. पुलिस ने अदालत से कहा कि इन दोनों का मामला जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार के मामले से अलग है.
दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा, “9 फरवरी के कार्यक्रम का विवादास्पद पोस्टर अनिर्बान ने डिजाइन किया था और उसे अंतिम मंजूरी खालिद ने दी थी. यह पोस्टर अनिर्बान ने खालिद को ईमेल से भेजा था. इस विवादास्पद पोस्टर पर आयोजनकर्ताओं के रूप में खालिद और अनिर्बान का नाम दर्ज था.”
अदालत ने जमानत की याचिका पर अपने आदेश को सुरक्षित रखा है और इसे 18 मार्च को सुनाया जाएगा.
उमर ने मांगी जमानत
दोनों आरोपी छात्रों ने समानता के आधार पर अपने लिए जमानत की मांग करते हुए कहा कि कन्हैया कुमार को इस मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय से 2 मार्च को छह महीने की अंतरिम जमानत मिल चुकी है. विश्वविद्यालय परिसर में हुए कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी की गई थी. इस मामले में दोनों छात्रों ने पिछले महीने परिसर के मुख्य द्वार पर पुलिस के सामने आत्मसर्मपण किया था.
खालिद और भट्टाचार्य के खिलाफ वसंत कुंज पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले कन्हैया कुमार को भी इसी मामले में 12 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था.
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