कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले ही सिद्धारमैया सरकार ने राज्य के अलग झंडे को लेकर अपनी मुहिम तेज कर दी है. सिद्धारमैया सरकार ने गुरुवार को कर्नाटक के लिए अलग झंडे को मंजूरी दे दी. अब इसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है.
केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस झंडे को ‘राज्य ध्वज’ के रूप में घोषित किया जाएगा. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में गुरुवार को झंडे को मीडिया के सामने रखा गया. 9 सदस्यीय समिति ने झंडे में ऊपर पीली, बीच में सफेद और नीचे लाल रंग की पट्टी की सिफारिश की थी. बीच में सफेद पट्टी पर राज्य का आधिकारिक चिह्न है.
अलग झंडा वाला दूसरा राज्य बन सकता है कर्नाटक
अगर कर्नाटक को अलग झंडे की मंजूरी मिल जाती है, तो कर्नाटक संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा प्राप्त जम्मू-कश्मीर के बाद देश का दूसरा ऐसा राज्य होगा, जिसका आधिकारिक तौर पर अलग झंडा होगा.
बता दें कि कर्नाटक के स्थापना दिवस पर हर साल राज्य के कोने-कोने में फिलहाल जो झंडा फहराया जाता है, वह मोटे तौर पर लाल और पीले रंग का 'कन्नड़ झंडा' है. इस झंडे का डिजाइन 1960 के दशक में वीरा सेनानी एम ए रामामूर्ति ने तैयार किया था.
केंद्र से मंजूरी मिलने पर संशय
कर्नाटक सरकार ने भले ही राज्य के लिए अलग झंडे को मंजूरी दे दी हो, लेकिन केंद्र सरकार से इसे मंजूरी मिलने पर अब भी संशय बरकरार है. बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संविधान में 'एक देश एक झंडा' के सिद्धांत के आधार पर स्पष्ट किया था कि तिरंगा ही पूरे देश का ध्वज है.
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान नहीं है, जो राज्यों के लिए अलग झंडे की अनुमति देता हो या ऐसा करने को प्रतिबंधित करता हो.
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