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हिजाब विवाद पर वकील: 'घूंघट,पगड़ी,क्रॉस पर रोक नहीं तो हिजाब से दिक्क्त क्यों?'

कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब के समर्थन में लगाई गई लड़कियों की याचिका पर सुनवाई हो रही है.

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कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka Highcourt) ने हिजाब पर प्रतिबंध (Hijab Ban) के खिलाफ याचिकाओं पर आज 16 फरवरी को चौथे दिन सुनवाई की. इन मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ के समक्ष है.

कल वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने अपना सबमिशन खत्म किया था तो वहीं आज अन्य वरिष्ठ वकील प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने अपना सबमिशन पूरा किया.

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सरकार को सिर्फ हिजाब से दिक्क्त क्यों? - वकील, कुमार  

अपने सबमिशन के दौरान वकील प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कहा कि, "मैं केवल समाज के सभी वर्गों में धार्मिक प्रतीकों की विशाल विविधता दिखा रहा हूं. सरकार अकेले हिजाब क्यों चुन रही है और इसे हॉस्टाइल डिस्क्रिमिनेशन बना रही है? चूड़ियां पहनी जाती हैं? क्या वे धार्मिक प्रतीक नहीं हैं? आप इन गरीब मुस्लिम लड़कियों को क्यों टारगेट कर रहे हैं?

वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत के सबमिशन के बाद कल 15 फरवरी को बेंच ने वरिष्ठ वकील प्रोफेसर रविवर्मा कुमार को अपना सबमिशन रखने का मौका दिया था. अपने सबमिशन के दौरान प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कहा था कि सरकार ने कहा है कि उसे अभी यूनिफॉर्म पर फैसला करना है. उन्होंने बेंच को बताया था कि सरकारी आदेश में भी हिजाब पहनने की मनाही नहीं है. कुमार ने कहा कि "कृपया ध्यान दें कि इस सरकार ने यूनिफॉर्म ड्रेस कोड पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है."

अपने स्टेटमेंट को जारी रखते हुए प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कहा यह सिर्फ उसके धर्म के कारण है कि,

"याचिकाकर्ता को कक्षा से बाहर भेजा जा रहा है. बिंदी पहनने वाली लड़की को बाहर नहीं भेजा जाता, चूड़ी पहनने वाली लड़की को नहीं भेजा जाता, क्रॉस पहने हुए एक ईसाई को छुआ नहीं जाता है. सिर्फ ये लड़कियां ही क्यों? यह अनुच्छेद 15 का उल्लंघन है."
प्रोफेसर रविवर्मा कुमार, वरिष्ठ वकील

प्रोफेसर रविवर्मा कुमार के सबमिशन के इस स्टेटमेंट के बाद कुछ पलों का सन्नाटा सा छा गया जिसके बाद चीफ जस्टिस ने कहा ठीक है. हमने इसे नोट कर लिया है.

न्यायिक नोट लिया जाना चाहिए कि मुस्लिम लड़कियों को कक्षाओं में कम से कम प्रतिनिधित्व दिया जाता है. अगर उन्हें इस बहाने बंद कर दिया जाता है, तो यह बहुत कठोर होगा," अपने इस आर्ग्युमेंट के साथ रविवर्मा कुमार ने अपना सबमिशन खत्म कर दिया.

आज की सुनवाई भी वरिष्ठ वकील प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने अपना सबमिशन इसी दावे को पुख्ता करते हुए रखा है कि सरकारी आदेश में पीयू कॉलेज में हिजाब पर बैन या यूनिफॉर्म और ड्रेस कोड का कोई जिक्र नहीं है.

प्रोफेसर रविवर्मा कुमार के सबमिशन के बाद वरिष्ठ वकील यूसुफ मुछला ने अपना सबमिशन शुरू किया. चीफ जस्टिस ने आग्रह किया कि वकील यूसुफ मुछला आज ही अपना सबमिशन पूरा करें क्योंकि अन्य पक्षों को भी सुना जाना बाकी है.

वकील यूसुफ मुछला ने अपना सबमिशन खत्म किया जिसके बाद कोर्ट की सुनवाई को कल 2:30 बजे तक के लिए टाल दिया गया.

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