लंबी कोशिशों के बाद ऐतिहासिक करतारपुर कॉरिडोर के शुरू होने से ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान सरकार एक बार फिर अपने ही किए वादे से मुकर गई है. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सरकार ने अपने ही फैसले से पीछे हटते हुए अब कॉरिडोर खुलने के पहले दिन भी श्रद्धालुओं से 20 डॉलर की फीस वसूलने का फैसला किया है.
शनिवार 9 नवंबर को गुरु नानकदेव जी के 550वें प्रकाश पर्व (12 नवंबर) के मौके पर दोनों देशों की ओर से कॉरिडोर शुरू किया जाएगा. इस कॉरिडोर के खुलने से सिख श्रद्धालु प्रसिद्ध श्री करतारपुर साहिब के दर्शन कर पाएंगे.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि भारतीय श्रद्धालुओं को पहले दिन 20 डॉलर की फीस में छूट दी जाएगी. लेकिन अब पाकिस्तानी सरकार अपने ही वादे से मुकर गई है.
कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट साइन होने से पहले पाकिस्तान ने भारतीय श्रद्धालुओं पर 20 डॉलर की फीस लगाने का ऐलान किया था. फीस की इस रकम पर भी शुरुआत में भारत सरकार ने आपत्ति दर्ज कराई थी. हालांकि इसके बाद सरकार इस पर राजी हो गई थी.
पासपोर्ट को लेकर भी हुआ कंफ्यूजन
इससे पहले गुरुवार 7 नवंबर को भी इमरान खान के एक और फैसले पर कंफ्यूजन की स्थिति बन गई थी. इमरान ने अपने इसी ट्वीट में कहा था कि भारतीय श्रद्धालुओं को करतारपुर दर्शन के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी.
लेकिन पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने गुरुवार को कहा था कि श्रद्धालुओं को पासपोर्ट लाना होगा क्योंकि सुरक्षा के लिहाज से ये जरूरी है.
इसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने असमंजस की स्थिति को स्पष्ट कर दिया है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि करतारपुर गुरुद्वारे आने वाले श्रद्धालुओं को पासपोर्ट लाने से छूट दी गई है और वे अगले एक साल तक बिना पासपोर्ट करतारपुर यात्रा कर सकेंगे.
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