करतारपुर कॉरिडोर का शनिवार, 9 नवंबर को उद्घाटन होना है. इससे पहले, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ जो समझौता (MoU) हुआ है, उसके मुताबिक, सीमा पार ऐतिहासिक स्थल पर जाने वाले भारतीय तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत होगी.
विदेश मंत्रालय का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब पासपोर्ट की अनिवार्यता के क्लॉज पर पाकिस्तान से परस्पर विरोधी रिपोर्ट्स आ रही हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा-
पाकिस्तान से परस्पर विरोधी खबरें आ रही हैं. कभी वे कहते हैं कि पासपोर्ट अनिवार्य है, कभी कहते हैं कि पासपोर्ट की जरूरत नहीं है. हमें लगता है कि उनके विदेश कार्यालय और अन्य एजेंसियों के बीच मतभेद हैं. हमारे पास एक एमओयू है, इसे नहीं बदला गया है... पासपोर्ट की जरूरत है.’
उन्होंने बताया, ‘हम जानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया है कि तीर्थयात्रियों के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं. मौजूदा एमओयू में एकतरफा तरीके से कोई संशोधन नहीं किया जा सकता है, इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति जरूरी है.’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारतीय तीर्थयात्रियों की यात्रा के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिये दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था और भारत उस पर कायम रहेगा.
हालांकि, कुमार ने उद्घाटन समारोह के बारे में विवरण देने से परहेज किया, क्योंकि यह “विश्वास की बात है.”
बुधवार को भारत ने पाकिस्तान से स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या करतापुर साहिब गुरद्वारा जाने के लिए पासपोर्ट की जरूरत होगी.
इमरान खान ने कहा था नहीं होगी पासपोर्ट की जरूरत
बता दें, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया था कि पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी, लेकिन समझौते के अनुसार, पासपोर्ट जरूरी होगा.
बीते 1 नवंबर को, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्विटर पर करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण कार्य पूरा होने की घोषणा करते हुए कहा था कि उन्होंने भारत से करतारपुर की तीर्थयात्रा के लिए आने वाले सिखों को दो आवश्यकताओं पासपोर्ट और रजिस्ट्रेशन से 10 दिन पहले ही छूट दे दी थी.
इमरान खान ने कहा था कि भारत से आने वाले सिख तीर्थ यात्रियों को करतारपुर आने के लिए पासपोर्ट नहीं, सिर्फ वैध पहचान पत्र की जरूरत होगी.
पाकिस्तान ने अब तक नहीं की पहले जत्थे के नामों की पुष्टि
रवीश कुमार ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अभी भारत के उन गणमान्य व्यक्यिों की लिस्ट की पुष्टि नहीं की है जो पाकिस्तान में करतारपुर उद्घाटन समारोह में भाग लेंगे. उन्होंने कहा-
हम मानकर चल रहे हैं कि पाकिस्तानी पक्ष के साथ साझा किए गए पहले जत्थे के सभी नामों को मंजूरी दे दी गई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान को इस समारोह में भाग लेने वाले भारत के गणमान्य व्यक्तियों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
‘व्यक्तिगत तौर पर समारोह में शामिल होने वालों के बारे में कुछ नहीं कह सकते’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के समारोह में शामिल होने पर पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन एक ऐतिहासिक समारोह है. यह जरूरी नहीं है किसी विशेष व्यक्ति के बारे में बात की जाए. इस समारोह में व्यक्तिगत तौर पर कौन शामिल हो रहा है और कौन नहीं, इस बारे में हम कुछ नहीं कह सकते.’
बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर समारोह में शामिल होने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर इजाजत मांगी है.
न्यूज एजेंसी ANI ने नवजोत सिंह सिद्धू के पत्र के हवाले से लिखा है, ‘बार-बार याद दिलाने के बावजूद, आपने जवाब नहीं दिया है कि सरकार ने मुझे करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन में पाकिस्तान जाने की अनुमति दी है या नहीं.’
बता दें, करतारपुर कॉरिडोर भारत के पंजाब में स्थित डेरा बाबा नानक श्राइन को पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब से जोड़ेगा. करतारपुर साहिब भारत-पाकिस्तान के बीच की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज चार किलोमीटर दूर नारोवाल जिले में स्थित है.
(इनपुटः PTI और ANI)
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