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कश्मीर: बच्ची से रेप के खिलाफ प्रदर्शन, दोषी को कड़ी सजा की मांग

तीन साल की बच्ची के साथ रेप करने वाले आरोपी को मौत की सजा दिलाने की मांग को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए

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भारत
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जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले में तीन साल की बच्ची के साथ रेप के खिलाफ सोमवार को घाटी में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए. इस बीच लोगों की पुलिस वालों से भिड़ंत हो गई, जिसमें एक असिस्टेंट कमांडर समेत 47 पुलिसकर्मी घायल हो गए. पूरे दिन प्रदर्शन के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि रेपिस्ट को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

8 मई को तीन साल की बच्ची के साथ रेप करने वाले आरोपी को मौत की सजा दिलाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए. विरोध प्रदर्शन के चलते बांदीपोरा, सोपोर, बडगाम और बारामूला शहर के बाजार बंद रहे. धार्मिक संगठन इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन की ओर से बुलाए गए बंद का श्रीनगर शहर पर खासा प्रभाव पड़ा.

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राजभवन से जारी बयान में कहा गया, "बांदीपोरा की तीन साल की बच्ची के साथ हुई घटना पर राज्यपाल ने गहरा दुख जताया है. उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक एस.पी. पाणि से बात की और उन्हें इस मामले पर कार्रवाई करने और इस शर्मनाक वारदात के लिए दोषी को कड़ी सजा मिलना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया."

राज्यपाल ने धार्मिक नेताओं से इस शर्मनाक घटना की निंदा करने, लोगों से शांति बनाए रखने और असामाजिक तत्वों को समाज में शांति न बिगाड़ने की अपील की है. बच्ची के साथ रेप की घटना की निंदा करते हुए मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ अलगाववादी ग्रुपों ने दोषियों के लिए कठोर सजा की मांग की है.

पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिए एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया है. कश्मीर यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के छात्रों ने भी क्लास का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया.

हिरासत में लिए गए स्कूल के प्रिंसिपल

पुलिस ने सोमवार को एक प्राइवेट स्कूल के प्रिंसिपल को हिरासत में ले लिया, जिसने रेप के आरोपी ताहिर अहमद मीर के लिए माइनर सर्टिफिकेट जारी किया था. ताहिर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने कहा कि ताहिर के पिता ने बयान दिया है कि उसका बेटा 20 साल का है.

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और अलगाववादी नेताओं के साथ-साथ कई सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक संगठनों ने भी घटना के प्रति गुस्सा जताया है. महबूबा ने कहा कि ऐसे घिनौने जुर्म के गुनहगार को मुस्लिम शरिया कानून की बिनाह पर पत्थरों से मार-मार कर सजा-ए-मौत दी जानी चाहिए. वरिष्ठ अलगाववादी नेता उमर फारूक ने लोगों से शांति बनाए रखने और बदमाशों को सांप्रदायिक झगड़े का रूप देने से रोकना सुनिश्चित करने की अपील की.

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क्या है पूरा मामला?

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, आरोपी ताहिर अहमद उस छोटी तीन साल की बच्ची को पहले कुछ टॉफी दी. फिर उसे टॉयलेट में ले गया और इफ्तार से पहले उसके साथ बलात्कार किया. बाद में जब बच्ची ने अपने माता-पिता को पूरी बात बताई, तो उन्होंने हंगामा किया. कई लोग इकट्ठा हुए और आरोपी को पुलिस को सौंप दिया.

जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की नेता और जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला राशिद शोरा ने पीड़ित बच्ची के परिवार से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि बच्ची को पहले जिला अस्पताल ले जाया गया. वहां से डॉक्टरों ने उसे शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में रेफर कर दिया.

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