विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) के निर्देशन में बनी फिल्म कश्मीर फाइल्स (Kashmir Files) जब से रिलीज हुई है, किसी न किसी मुद्दे पर विवादों में आ ही जाती है. इसे लेकर अब फिर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. फिल्म को इंडियन पैनोरमा सेक्शन के लिए चुना गया था और 22 नवंबर को प्रदर्शित किया गया था लेकिन इसके प्रमुख ज्यूरी और इजराइली फिल्म निर्माता नदव लापिड ने फिल्म को शर्मनाक और अश्लील बता दिया. इसके बाद से बवाल मच गया है. इजराइल के राजदूत ने इसपर कई सारी टिप्पणी करते हुए इसे शर्मनाक बताया है.
इजराइल के राजदूत ने क्या कहा?
इजराइल के राजदूत नोर गिलोन ने लापिड के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि तुम्हें (नदव लापिड को) शर्म आनी चाहिए. उन्होंने ट्वीट का एक लंबा थ्रेड पोस्ट किया जिसमें सबसे पहले लिखा कि "ये हिब्रू भाषा में नहीं है क्योंकि मैं चाहता हूं कि हमारे भारतीय भाई बहनों को ये समझ आ सके. ये लंबा भी है, इसलिए सबसे अहम बात सबसे पहले- आपको शर्म आनी चाहिए, यहां देखिए क्यों" इसके बाद उन्होंने लिखा कि,
1. उन्होंने ट्वीट का एक लंबा थ्रेड पोस्ट किया जिसमें सबसे पहले लिखा कि ये हिब्रू भाषा में नहीं है क्योंकि मैं चाहता हूं कि हमारे भारतीय भाई बहनों को ये समझ आ सके. ये लंबा भी है, इसलिए सबसे अहम बात सबसे पहले- आपको शर्म आनी चाहिए. उन्होंने जो-जो बातें रखी हैं, हम आपको बिंदूवार तरीके से नीचे बता रहे हैं.
2. भारतीय संस्कृति में कहा जाता है कि अतिथि भगवान के समान होता है, आपने IFFI जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के भारतीय निमंत्रण का और उन्होंने आप पर जो विश्वास, सम्मान और स्वागत किया उसे शर्मसार किया है.
3. हमारे भारतीय मित्रों ने फौदा सीरीज से लियोर रज और अवि को बुलाया ताकि भारत में इजराइल और फौदा के प्रति प्यार को सेलिब्रेट किया जा सके. मुझे संदेह है कि शायद ये भी एक कारण है कि उन्होंने आपको एक इजरायली के रूप में और मुझे इजरायल के राजदूत के रूप में आमंत्रित किया.
4. मैंने मंच पर कहा कि हमारे देशों के बीच समानता है क्योंकि हम एक समान दुश्मन से लड़े हैं और एक खराब पड़ोसी के साथ रहते हैं.
5. हमने अपने देशों के बीच समानताओं और संबंधों के बारे में बात की. मंत्री ने इजराइल की अपनी यात्राओं के बारे में बताया. ये एक हाई-टेक देश है और इसे फिल्म उद्योग के साथ जोड़ने की क्षमता है. मैंने उन्हें ये बताया कि हम भारतीय फिल्में देखते हुए बड़े हुए हैं.
6. मैंने यह भी कहा कि जब भारत, इतनी महान फिल्म संस्कृति के साथ इजराइली सामग्री का उपभोग कर रहा है तो हमें विनम्र होना चाहिए.
7. मैं कोई फिल्म विशेषज्ञ नहीं हूं, लेकिन मुझे पता है कि ऐतिहासिक घटनाओं का गहराई से अध्ययन करने से पहले उनके बारे में बात करना असंवेदनशील और अभिमानी है. भारत के लिए ये एक खुला घाव है क्योंकि इसमें शामिल कई लोग अभी भी कीमत चुका रहे हैं.
8. एक होलोकॉस्ट सर्वाइवर के बेटे के रूप में मैं इस तरह के बयानों की कड़ी निंदा करता हूं. इसका कोई औचित्य नहीं है. यह यहां कश्मीर मुद्दे की संवेदनशीलता को दर्शाता है.
9. Ynet को दिए आपके इंटरव्यू से कश्मीर फाइल्स की आपकी आलोचना और इजराइल की राजनीति में जो कुछ हो रहा है, उसमें आपके संबंध काफी स्पष्ट हैं.
10. मेरा सुझाव है कि जैसा कि आपने इससे पहले भी मुखर रूप से किया है, इस्राइल में आप जो नापसंद करते हैं, उसकी आलोचना करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें, लेकिन अन्य देशों पर अपनी हताशा को प्रदर्शित करने की आवश्यकता नहीं है. मुझे यकीन नहीं है कि आपके पास ऐसी तुलना करने के लिए पर्याप्त तथ्यात्मक आधार है.
11. आप ये सोचकर इजराइल वापस जाएंगे कि आप बोल्ड हैं और "बयान दिया". हम, इजराइल के प्रतिनिधि, यहां रहेंगे. आपको अपनी "बहादुरी" के बाद हमारे डीएम बॉक्स देखने चाहिए और मेरी जिम्मेदारी के तहत टीम पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है.
13. भारत और इस्राइल के लोगों और राज्यों के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है और आपने जो नुकसान पहुंचाया है, वह रहेगा.
14. एक इंसान के रूप में मुझे शर्म आती है और मेजबानों की उदारता और दोस्ती के बदले हमने जो किया, उस बुरे तरीके के लिए मैं उनसे माफी मांगना चाहता हूं.
पूर्व राजदूत ने भी रखी अपनी राय
इस विवाद के बाद इजराइल के पूर्व राजदूत डेनियन कारमन ने भी अपनी राय रखी है. उन्होंने ट्वीट करके कहा कि ये एक दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी है जो उनके अपने और केवल अपने विचारों को दर्शाती है और उन्होंने जो कुछ भी कहा उसके बारे में बुनियादी संवेदनशीलता या ज्ञान का पूर्ण अभाव है.
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