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कश्मीर हिंसा: इन मासूमों का क्या कसूर?

पढ़िए...प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों की गई जवाबी कार्रवाई इन मासूमों के लिए कितनी घातक साबित हुई.

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कश्मीर में प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच संघर्ष जारी है...लोग मर रहे हैं लेकिन 5 साल की जोहरा को न कश्मीर मालूम था, न खौफ था खाकी वर्दी की परछाई से.

पर...सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में मिले जख्मों ने उसे इन सबसे अवगत करा दिया.

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जोहरा के मुताबिक वो किसी पटाखे से जख्मी हुई है. उसे लगता है कि किसी पटाखे से उसके दोनों हाथ, सर और पैरों में चोट लगी है. इसी तरह एक 9 साल की बच्ची तमन्ना सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई की उस वक्त शिकार हो गई जब वह अपने घर की किचिन में बैठी थी.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक श्रीनगर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल में सोमवार तक 77 ऐसे मरीज आ चुके हैं जिनकी आंखे घायल हैं. इनमें से 64 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है.

हॉस्पिटल के शीर्ष डॉक्टर कैसर अहमद के मुताबिक तीन युवा अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं और कई अन्य मरीज की आंखों की रोशनी भी जा सकती है.

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