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Kashmir Killings: चुन-चुन कर कश्मीरी हिन्दुओं को मारा जा रहा या कश्मीरियों को?

Kashmir Killings: बीते मई के महीने में किन लोगों को चुन-चुन कर मारा गया?

Published
भारत
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‘गर फिरदौस बर रुए जमीं अस्त; हमीं अस्तो, हमीं अस्तो, हमीं अस्त’ अर्थात अगर जमीं पर कहीं जन्नत है तो बस यहीं है, यहीं है, यहीं है' यह बातें हिंदुस्तान के मशहूर सूफी शायर अमीर खुसरो ने कश्मीर (Kashmir) की खूबसूरती बयां करने के लिए कही थीं. जिस कश्मीर को अमीर खुसरो ने जन्नत बताया था वह समय-समय पर 'जहन्नुम' बनती रही है. इन दिनों भी कश्मीर में कुछ ऐसे ही हालत हैं.

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ताबड़तोड़ हत्याएं और एनकाउंटर का दौर जारी है. यह तक कहा जा रहा है कि कश्मीर में 90 का दशक लौट आया है जब कश्मीर में मिलिटेंसी उरूज पर थी और इतना उरूज पर आ गई थी की कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी से पलायन करना पड़ा था.

कश्मीर में इन दिनों एक बार फिर दहशत का माहौल जारी है. बीते एक महीने में कश्मीर में 10 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं. इन हत्याओं को टारगेट किलिंग का नाम दिया जा रहा है. कहा गया कि कश्मीर में हिन्दुओं, कश्मीरी पंडितों को चुन चुन कर मारा जा रहा है. लेकिन बीते महीने के ही आंकड़े बता रहे हैं कि कश्मीर में सिर्फ कश्मीरी हिन्दुओं और पंडितों को ही नहीं बल्कि कश्मीरी मुसलमानों को भी निशाना बनाया जा रहा है. कश्मीर में बीते महीने में किन किन लोगों की हत्याएं हुई आइए आपको उनके बारे में बताते हैं.

बाल कृष्णा भट्ट - कश्मीरी पंडित   

कश्मीर में टारगेट किलिंग का सिलसिला इस साल अप्रैल में शुरू हुआ और मई के महीने में इसमें तेजी देखी गई. 04 अप्रैल 2022 को कश्मीरी पंडित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बाल कृष्ण भट की संदिग्ध आतंकवादियों ने चौटीगाम शोपियां में उनके घर के पास हत्या कर दी थी. बाल कृष्ण 39 साल के थे. बाल कृष्ण पेशे से दुकानदार थे और दवा का काम करते थे.

4 अप्रैल को पुलवामा में एक और हमला हुआ था. जिसमें बिहार के दो प्रवासी मजदूरों को आतंकवादियों ने गोली मारकर घायल कर दिया था. पीड़ितों की पहचान पातालेश्वर कुमार और जाको चौधरी के रूप में हुई थी.

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सतीश कुमार सिंह राजपूत

13 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकियों ने सतीश कुमार सिंह राजपूत नाम के एक नागरिक पर फायरिंग कर दी. सतीश कुमार को तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. वह पेशे से ड्राइवर थे और कुलगाम के काकरान के रहने वाले थे. यानी की एक और कश्मीरी हिन्दू की टारगेट किलिंग को अंजाम दिया गया.

इस घटना के बाद आतंकी संगठन लश्कर-ए-इस्लाम ने कश्मीरी हिंदुओं को 'काफिरों को पत्र' नाम के एक पत्र में 'कश्मीर छोड़ो या मार डालने' की चेतावनी जारी की थी.

पुलिसकर्मी गुलाम हसन डार की हत्या 

7 मई को श्रीनगर के जोनिमार इलाके में एक संदिग्ध आतंकी हमले में निहत्थे पुलिस कांस्टेबल गुलाम हसन डार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. गुलाम हसन डार कश्मीर के ही निवासी थे.

पुलिसकर्मी रियाज अहमद थोकर की हत्या

13 मई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में विशेष पुलिस अधिकारी रियाज अहमद थोकर की गोली मारकर हत्या कर दी गई.

राहुल भट्ट - कश्मीरी पंडित की हत्या

12 मई को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा शहर में तहसील कार्यालय के अंदर एक सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. उन्हें 2010-11 में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी मिली थी. राहुल भट्ट की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों का बड़ा हुजूम सड़कों पर इस हत्या के खिलाफ प्रदर्शन के लिए उमड़ पड़ा.

रंजीत सिंह की हत्या

17 मई को बारामूला जिले के दीवान बाग इलाके में एक नई खुली शराब की दुकान के अंदर आतंकवादियों के ग्रेनेड फेंके जाने के बाद राजौरी के कृष्ण लाल के पुत्र रणजीत सिंह की मौत हो गई थी. रंजीत सिंह 52 वर्षीय कारोबारी थे. इस हमले में तीन अन्य लोग घायल हुए थे.

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पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी पर हमला 

24 मई को एक पुलिसकर्मी सैफुल्ला कादरी को श्रीनगर के सौरा में उनके घर के बाहर गोली मार दी गई थी, जब वह काम पर जा रहे थे. सैफुल्लाह कादरी पर जब यह हमला हुआ तो उस वक्त उनकी 7 साल की बेटी भी उनके साथ थी जो इस हमले में घायल हो गई थी. इस बच्ची के दाहिने हाथ में गोली लगी थी, बाद में बच्ची को बचा लिया गया लेकिन कादरी शहीद हो गए थे.

पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद शहीद 

25 मई को जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में 25 मई को एक मुठभेड़ के दौरान 32 वर्षीय पुलिसकर्मी मुदासिर अहमद शहीद हो गए थे. इस मुठभेड़ में सेना ने तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को भी मार गिराया था. मुदासिर को उनके निकनेम 'बिंदास भाई' के नाम से जाना जाता था. "जम्मू-कश्मीर पुलिस में शामिल होने के कुछ महीनों बाद उन्हें आम जनता से यह नाम मिला क्योंकि लोगों से उन्हें प्रेम मिलता था."

टीवी कलाकार अमरीन भट्ट की हत्या

जम्मू-कश्मीर के बडगाम के चदूरा इलाके में बुधवार, 25 मई को एक एक्ट्रेस अमरीन भट्ट की उसके आवास पर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी. अमरीन भट को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अमरीन भट्ट कश्मीर में मशहूर टीवी कलाकार हैं, उनके YouTube पर 25,000 और Instagram पर 14,000 से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. अमरीन भट्ट यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर हिंदी और कश्मीरी जुबान में वीडियो बनाती थीं.

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कश्मीरी पंडित टीचर रजनी बाला की हत्या

31 मई को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने 36 वर्षीय कश्मीरी पंडित टीचर रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी. रजनीबाला की आतंकवादियों ने उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी जब वह स्कूल की ओर जा रही थी. रिपोर्टों के मुताबिक उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान डीएम तोड़ दिया था.

बैंक मैनेजर विजय की हत्या

2 जून गुरुवार, को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों ने बैंक में घुसकर बैंक मैनेजर विजय बेनीवाल की गोली मारकर हत्या कर दी. विजय कुमार बेनीवाल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के रहने वाले थे. दक्षिण कश्मीर जिले में अरेह मोहनपोरा शाखा में एलाकी देहाती बैंक के एक प्रबंधक विजय कुमार को गोली लगने से गंभीर चोटें आईं और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई.

प्रवासी मजदूर दिलखुश कुमार की हत्या 

02 जून को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में राजस्थान के एक हिंदू बैंक कर्मचारी विजय कुमार की हत्या के कुछ घंटों बाद, रात में कश्मीर के बडगाम में आतंकवादियों ने एक प्रवासी मजदूर दिलखुश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि आतंकवादियों ने बडगाम के चदूरा इलाके में एक ईंट भट्टे में काम कर रहे दो प्रवासी मजदूरों पर गोलियां चलाईं थी.

(न्यूज इनपुट्स - कश्मीर पुलिस जोन/ ट्विटर)

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