राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को विदेशों से जो फंडिंग हुई है, उन्होंने उसका इस्तेमाल निजी कामों के लिए भी किया है. इन कामों में अपने बच्चों की पढ़ाई से लेकर संपत्ति की खरीद तक शामिल है.
NIA ने कई अलगाववादी नेताओं से पूछताछ के बाद बताया है कि इन नेताओं ने कश्मीर घाटी में लोगों के बीच अलगाववादी भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान से फंड मिलने की बात स्वीकार की है.
NIA ने 16 जून को एक बयान जारी किया. इस बयान में उसने कहा कि जब दुख्तरान-ए-मिल्लत की नेता आसिया अंद्राबी से मलेशिया में उसके बेटे की पढ़ाई पर हुए खर्च के बारे में पूछताछ की गई तो पता चला कि यह खर्च जहूर वटाली उठाता था. बता दें कि वटाली को आतंकी फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है.
जांच में आसिया अंद्राबी ने स्वीकार किया है कि उसे विदेशी स्रोतों से धन और चंदा मिलता रहा है और दुख्तरान-ए-मिल्लत घाटी में मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन का आयोजन करता है.NIA
बयान में कहा गया है कि NIA ने संबंधित अधिकारियों से उन बैंक खातों से जुड़े सबूतों को मुहैया कराने के लिए कहा है, जिनका इस्तेमाल आसिया के बेटे मोहम्मद बिन कासिम ने यूनिवर्सिटी में रहते हुए किया.
NIA ने एक और अलगाववादी शब्बीर शाह से पहलगाम में एक होटल सहित उसके व्यवसाय के बारे में पूछताछ की. शाह पर उसके व्यवसाय में पाकिस्तान से मिले फंड को इस्तेमाल करने के आरोप हैं.
जांच एजेंसी ने बताया, ''हिरासत में पूछताछ के दौरान शाह से पाकिस्तान स्थित एजेंटों और एपीएचसी (ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस) के प्रतिनिधियों की तरफ से फंड भेजने के बारे में पूछा गया. उससे पहलगाम में कई होटलों और व्यवसाय, जम्मू, श्रीनगर और अनंतनाग में सपत्तियों के बारे में भी पूछताछ की गई.''
NIA ने मई 2017 में जमात-उद-दावा, दुख्तरान-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों और राज्य के अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इनके खिलाफ अलगाववाद और आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने, कश्मीर घाटी में गड़बड़ी पैदा करने और भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने का मामला दर्ज किया गया था.
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