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कठुआ केस: कोर्ट ने जिन 6 लोगों को सुनाई सजा,उनके गुनाहों की लिस्ट

कठुआ गैंगरेप-मर्डर केस: पठानकोट कोर्ट ने 7 में से 6 आरोपियों को दोषी माना

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भारत
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जम्मू-कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची के गैंगरेप और हत्या मामले में पठानकोट कोर्ट ने 6 दोषियों को सजा सुना दी है. बता दें कि इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें से एक आरोपी को बरी कर दिया गया, जबकि एक 'नाबालिग' के खिलाफ अभी ट्रायल शुरू होना बाकी है क्योंकि जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में उसकी उम्र निर्धारित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई होनी है.

फैसले के बाद वकीलों ने क्या कहा?

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ये हैं 6 दोषी और उनके गुनाह

  1. सांजी राम, उम्रकैद की सजा: पूर्व राजस्व अधिकारी सांजी राम 'देवस्थान' की देखदेख करता था. 'देवस्थान' वही जगह है, जहां बच्ची का रेप हुआ था. सांजी राम पर इस मामले की साजिश रचने के साथ-साथ बच्ची का रेप करने और उसकी हत्या के समय मौजूद होने का आरोप था. उसे रणबीर पीनल कोड (RPC) की धारा 302 (हत्या), 376-D (गैंगरेप) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया है. सांजी राम के दिमाग में ही सबसे पहले इस खौफनाक वारदात का घिनौना आइडिया आया था. सांजी राम ने अपने भतीजे को बच्ची का अपहरण करने को कहा था.
  2. दीपक खजूरिया, उम्रकैद की सजा: विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया पर इस मामले की शुरुआत से ही सांजी राम के साथ साजिश रचने के आरोप थे. उस पर मामले को दबाने के भी आरोप थे. आरोपों के मुताबिक, ये वही शख्स है कि जिसने बच्ची की हत्या से पहले एक बार और रेप करने की ख्वाहिश जाहिर की थी. वह बच्ची को लगातार नशीली दवा देकर रेप करता रहा था. खजूरिया को RPC की धारा 302 (हत्या), 376-D (गैंगरेप) के तहत दोषी ठहराया गया है.
  3. सुरेंद्र कुमार, 5 साल की कैद: सुरेंद्र ने मामले की साजिश में खजूरिया की मदद की थी. उसने खजूरिया को 'देवस्थान' के पास बकरवाल समुदाय के मूवमेंट और बच्ची की स्थिति के बारे बताया था. सुरेंद्र भी इस मामले को दबाने वालों में शामिल था. उसे RPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया गया है.
  4. परवेश कुमार, उम्रकैद की सजा: सांजी राम के 'नाबालिग' भतीजे के दोस्त परवेश पर आरोप थे कि उसने 'नाबालिग' के साथ मिलकर बच्ची को अगवा किया था. आरोपों के मुताबिक, सांजी राम के निर्देश पर इन्होंने बच्ची को ‘देवस्थान’ ले जाकर बंधक बनाया था. परवेश को RPC की धारा 302 (हत्या) और 376-D (गैंगरेप) के तहत दोषी ठहराया गया है.
  5. आनंद दत्ता, 5 साल की कैद: सब इंस्पेक्टर दत्ता ने बच्ची की हत्या की शुरुआती जांच की थी. आरोपों के मुताबिक, उसे मामले की साजिश के बारे में पता था और उसने केस को दबाने के लिए सांजी राम से रिश्वत भी ली थी. दत्ता को RPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया गया है.
  6. तिलक राज, 5 साल की कैद: हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज पर आरोप थे कि उसने सांजी राम से आनंद दत्ता को रिश्वत दिलाने में मदद की थी, उसने बच्ची के कपड़ों से मिट्टी/खून/स्पर्म निकालने के लिए उनको धोने में भी मदद की थी. वह इस मामले में इन्वेस्टिंग और सर्च टीम का हिस्सा था. तिलक राज को RPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया गया है.
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पठानकोट कोर्ट ने सोमवार को सांजी राम के बेटे विशाल को इस मामले से बरी कर दिया. विशाल पर बच्ची के गैंगरेप में शामिल होने और उसकी हत्या की समय मौजूद होने के आरोप थे.

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