प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कृषि कानूनों (Farm Laws) की वापसी के ऐलान के बाद आज किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) लखनऊ में होने जा रही है. या यूं कहें कि संयुक्त किसान मोर्चा अपना शक्ति-प्रदर्शन करने जा रहा है, जिसके लिए देशभर से हजारों किसान लखनऊ पहुंच रहे हैं. लखनऊ के कांशीराम ईको पार्क में "महापंचायत" का आयोजन हो रहा है. इस महापंचायत में किसान संगठन आगे की रणनीति पर विचार करेंगे.
क्या हैं महापंचायत के असल मुद्दे
किसानों की महापंचायत में MSP गारंटी कानून की मांग पर जोर दिया जाएगा. तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की केंद्र सरकार की घोषणा के बावजूद किसान नेताओं का कहना है कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाला कानून नहीं बनाती है तब तक किसान विरोध प्रदर्शन खत्म नहीं करेंगे.
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत के लिए किसानों से आने की अपील की है. उन्होंने कहा,
"सरकार द्वारा जिन कृषि सुधारों की बात की जा रही है, वे नकली एवं बनावटी हैं. इन सुधारों से किसानों की बदहाली रुकने वाली नहीं है. कृषि एवं किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाना सबसे बड़ा सुधार होगा."
साथ ही किसान संगठनों की मांग है कि लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचलने की घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
वहीं इसके अलावा किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और जिन किसानों की इस आंदोलन के दौरान मृत्यु हुई है उनके परिवार को आर्थिक मदद की भी मांग उठ रही है.
बता दें कि संसद से तीन कृषि कानून की वापसी की मांग को लेकर करीब एक साल से दिल्ली की सरहदों पर हजारों किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसके बाद अभी हाल ही में है पीएम मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानून को रद्द करने की बात कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा.
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