केंद्र सरकार हर साल एक आम बजट पेश करती है. जिसमें वित्तमंत्री अलग-अलग क्षेत्र के लिए पैसे आबंटित किए जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सरकार का कुल बजट कहां-कहां और किस सेक्टर में खर्च होता है. बजट का एक बड़ा हिस्सा टैक्स और ड्यूटी में जाता है, जो कि राज्यों को दिया जाता है. ये कुल बजट का 24 फीसदी होता है. वहीं सबसे कम 5 फीसदी बजट फाइनेंस कमिशन और दूसरे ट्रांसफर के लिए होता है. इंफोग्राफ में देखिए बजट का पूरा ब्योरा.
इस बार संसद में 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया जाएगा. संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा. संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बजट सत्र का पहला चरण 29 जनवरी से 9 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद दूसरा चरण 5 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा.
29 जनवरी को आर्थिक सर्वे
संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 29 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. इसी दिन आर्थिक सर्वे भी पेश किया जाएगा.
संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में बजट सत्र के संबंध में फैसला लिया गया. संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को खत्म हो गया है.
29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे . इसके बाद उसी दिन आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा.
जीएसटी के बाद का पहला बजट
इस वित्त वर्ष के बजट पर खास नजर इसलिए भी है कि यह पिछले साल जुलाई में लागू हुए जीएसटी के बाद देश का पहला आम बजट होगा. इसके साथ ही यह 2019 के आम चुनाव से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली का पहला पूर्ण बजट होगा.
सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौैती राजकोषीय घाटे के लक्ष्य तक सीमित रखने की है. इसके अलावा सरकार मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की चुनौती से जूझ रही है. कृषि सेक्टर पर भी सरकार को खास ध्यान देना होगा क्योंकि फसल की सही कीमत न मिलने से देश में कई जगह किसानों के आंदोलन देखने को मिले हैं. उम्मीद है सरकार इस सेक्टर को खास तवज्जो देगी. रोजगार बढ़ाने और मध्य वर्ग को टैक्स राहत देने पर भी जोर होगा.
सरकार ने पिछले साल से 1 फरवरी को बजट पेश करने की परंपरा डाली थी. इसके साथ ही अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा भी खत्म कर दी थी.
(इनपुट : आईएएनएस)
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