पाकिस्तान सरकार ने 8 जुलाई को दावा किया था कि पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से मना कर दिया है और ये फैसला किया है कि वो अब दया याचिका के साथ आगे बढ़ेंगे. इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि कुलभूषण अभी भी पाकिस्तानी आर्मी की कस्डटी में हैं. उन पर दबाव बनाया गया है कि वो अपनी रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दें.
पाकिस्तानी मीडिया ये भी बता रही थी कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को दूसरा काउंसलर एक्सेस देने का ऑफर दिया है. अब इस तरह की खबरें आने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ-साफ कहा है कि "मीडिया के जरिए ऐसी बयानबाजी पाकिस्तान की तरफ से इस केस में फैलाए जाने वाले एक फरेब का ही हिस्सा है. पाकिस्तान का दावा कि जाधव ने रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दिया है, ये पिछले 4 साल से चल रहे झूठ के सिलसिले का ही एक हिस्सा है."
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ‘भारत कुलभूषण जाधव केस में डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को लागू कराने की पूरी कोशिश कर रहा है. पाकिस्तानी की तरफ से जारी मीडिया बयान आईसीजे के फैसले को लागू करने का दिखावा करने जैसा है.’
आगे विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि- 'कुलभूषण जाधव हास्यास्पद ट्रायल चलाकर सजा दी गई है. वो अभी भी पाकिस्तानी आर्मी की कस्डटी में हैं. उन पर दबाव बनाया गया है कि वो अपनी रिव्यू पिटीशन दायर करने से इनकार कर दें. भारत ने जाधव तक बेरोकटोक पहुंच की मांग की थी ताकि उनसे मौजूदा उपायों पर ऑर्डिनेंस के तहत चर्चा की जा सकते.'
बता दें कि भारतीय नौ सेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं. जाधव को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान में कथित तौर पर तोड़फोड़ और आतंकी कार्रवाई के आरोप में गिरफ्तार किया था. पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का आरोप था कि जाधव ईरान से पाकिस्तान में जासूसी के इरादे से आया था. जबकि भारत ने कुलभूषण के जासूसी और तोड़फोड़ में लिप्त होने के आरोपों से इनकार किया है. उसका कहना है कि भारतीय नेवी के रिटायर्ड अफसर जाधव को पाकिस्तान ईरान से अगवा कर अपने यहां ले गया था.
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