लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) पुलिस ने दो नाबालिग दलित लड़कियों के बलात्कार और हत्या के सनसनीखेज मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया है. पीड़िता और आरोपी दोनों ही खीरी जिले के निघासन क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले हैं. जहां पीड़िता का परिवार आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग कर रहा है वहीं अगर आरोपियों के घर वालों की बात करें तो उनका मानना है कि उनके बच्चे निर्दोष हैं और इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की जांच पर सवालिया निशान उठाते हुए CBI जांच की मांग की है.
लखीमपुर के निघासन में में दो नाबालिग बहनों के शव गांव के ही एक खेत में पेड़ से लटके मिले थे. घटना के तुरंत बाद पीड़िता की मां ने आरोप लगाते हुए कहा था कि मोटरसाइकिल सवार कुछ लड़कों ने उनकी बेटियों को अगवा कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी. परिजनों की तहरीर पर स्थानीय पुलिस ने हत्या और बलात्कार समेत गंभीर धाराओं में एक नामजद आरोपी और तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था. नाबालिक बहनों की हत्या और रेप के सनसनीखेज मामले में पुलिस ने गिरफ्तारी करते हुए गांव के ही 6 लड़कों को गिरफ्तार किया था.
"मेरा बेटा हत्या नहीं कर सकता"
घटना में आरोपी अफजल (बदला हुआ नाम) के पिता इसराइल का कहना है कि उनके बेटे के संबंध लड़की से जरूर थे लेकिन वह हत्या नहीं कर सकता. परिवार के मुताबिक अफजल, जिसकी आधार कार्ड के हिसाब से उम्र 14 साल है, हैदराबाद में ग्रिल बनाने का काम सीखता है. गांव में आयोजित होने वाले बिस्वा मेले के लिए 2 सितंबर को वापस आया था.
क्विंट हिंदी से बातचीत के दौरान इसरायल ने बताया, "घटना के वक्त बच्चा मेरा घर पर था और दिल्ली जाने की तैयारी कर रहा था. रात के 10:30 बजे पुलिस हमारे घर आई और उसके बारे में पूछताछ करने लगी. तब हमने उन्हें बताया कि अफजल दिल्ली के लिए निकल चुका है. पुलिस वालों ने हमें उसे फोन करने को कहा. जब मैंने अपने बच्चे से बातचीत की तो उसने बताया कि वह पीलीभीत पहुंच चुका है. मैंने उसे बोला कि जहां हो वहीं उतर जाओ और वापस चले आओ."
इसराइल की माने तो पुलिस उसे अपने साथ उठाकर खुटार टोल प्लाजा लेकर आई जहां पर उन्होंने अफजल को पकड़ लिया. पकड़ने के बाद उसे दूसरी जीप में ले कर चले गए. बाद में परिवार को पता चला कि पुलिस एनकाउंटर में अफजल को पैर में गोली लगी है.
"अगर CBI की जांच हो जाए तो सब सच्चाई सामने आ जाएगी. हमारा बच्चा खून नहीं कर सकता. 14 साल की उम्र में अगर वह खून करता तो कांपता. लेकिन मुझसे बात करते समय वह कांपा नहीं"इसराइल
लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन की माने तो अफजल और साजिद (बदला हुआ नाम) उन दो नाबालिग बच्चियों को बहला-फुसलाकर ले गए, उनका बलात्कार किया और फिर गला दबाकर हत्या कर दी. बाद में बाकी साथियों की मदद से मृत बहनों का शव पेड़ से टांग दिया.
घटना के वक्त मेरा बेटा घर पर ही था- आरोपी की मां
इस घटना का दूसरा आरोपी 20 वर्षीय सोहेल है. परिजनों के मुताबिक साजिद हैदराबाद में फर्नीचर की कारीगरी सीख रहा था. बिस्वा मेले के लिए घर आया था और वापस उसे 20 सितंबर को हैदराबाद जाना था. साजिद की माता अमीना बेगम के मुताबिक घटना के वक्त साजिद घर पर ही था. सितंबर 14 की रात में तकरीबन 10:30 बजे पुलिस आई और सोहेल को साथ में लेकर चली गई.
घटना के एक अन्य आरोपी के परिवार ने भी दावा किया कि वह नाबालिग है और इसे साबित करने के लिए उसने अपना आधार कार्ड क्विंट को दिखाया. आधार कार्ड के मुताबिक आरोपी की उम्र 17 साल है.
एक आरोपी के पिता बोले - मेरा बेटा गांव से 40 किमी दूर मेरे साथ था
हत्या आरोपियों का साथ देने के आरोप में पुलिस ने जिस को गिरफ्तार किया है इनमें से एक आरिफ है.
अशरफ के पिता अहमद हुसैन का कहना है कि उनका बेटा उनके साथ घटना के दिन 11 बजे से लेकर 5 बजे तक उनके साथ था. हुसैन के मुताबिक वह अपने बेटे के साथ मोटरसाइकिल पर अपने घर से 40 किलोमीटर दूर पलिया कस्बे में दवा लेने गए थे और शाम को 5 बजे लौटे हैं.
क्विंट हिंदी के बातचीत के दौरान हुसैन ने बताया, "जब वापस लौटे उसके बाद शाम में सब खा पीकर सो गए. रात में 3:30 बजे पुलिस वाले आये और अशरफ को लेकर जाने लगे. जब हमने उनसे कुछ जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि बस पूछताछ के लिए ले जा रहे हैं और उसको वापस भेज देंगे. वह (पुलिस) लोग लेकर गए और उसे आरोपी बना दिया,"
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