आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरणदास पर विवादित टिप्पणी कर राजनीतिक बयानबाजी को हवा दे दी है. लालू यादव ने भक्त चरणदास को "भकचोन्हर दास" बताया था, जिसे कांग्रेस ने दलितों का अपमान बताया है.
बता दें आरजेडी (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) रविवार को दिल्ली से पटना पहुंचने वाले हैं. दिल्ली से निकलने से पहले उन्होंने कांग्रेस (Congress) और आरजेडी के बीच चल रही खटपट पर बयानबाजी करते हुए यह टिप्पणी की.
लालू प्रसाद यादव ने कांग्रेस को निशाना बनाते हुए कहा "क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन, हारने के लिए दे देते कांग्रेस को, जमानत जब्त कराने के लिए?" इसके बाद जब मीडिया ने जब कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास को लेकर सवाल पूछा, तो लालू ने कहा, "भक्त चरण दास अब भक्त थोड़ी रहा है 'भकचोन्हर दास' है. लालू के बयान को कांग्रेस ने दलितों का अपमान बताया है."
कांग्रेस ने लालू से बयान को लेकर की माफी की मांग
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि लालू अपने आप को वचिंत और दलितों के नेता कहते थे लेकिन लालू यादव एक दलित नेता को इस प्रकार से अपशब्द कैसे कह सकते है.उन्होंने आगे कहा है कि अगर लालू ने ये सब जानबूझकर कहा है तो दलितों के सामने आकर माफी मांगे. अगर उम्र का तकाजा या बीमारी के कारण कुछ गलत बोल गए है तो कोई बात नहीं है.
बीजेपी ने लालू को घेरा
बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा, "बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री आज राजनीति के जिस रसातल में है, वो सिर्फ कांग्रेस की वजह से है, कांग्रेस के इशारे पर पहली बार सीबीआई जांच बैठी, लालू पहली बार ही जेल पहुंचे , तो वो सिर्फ कांग्रेस के इशारे पर.अब ऐसे में लालू गुस्से में आकर भक्त चरण दास जैसे नेता को 'भकचोन्हर दास' कह रहे है, तो जाहिर है कि कांग्रेस के लोगों को बुरा लगेगा कि आने वाले समय में राहुल और सोनिया गांधी को कुछ भी कह सकते है. उन्होंने आगे कहा कि अब एक बात तो जाहिर है कि वामपंथी नेता कन्हैया के कांग्रेस में आने के बाद कांग्रेस आरजेडी को उसकी औकात दिखा रही है."
जेडीयू ने भी की बयान की कड़ी निंदा
लालू प्रसाद यादव के दलित विरोधी बयान को लेकर जेडीयू सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि "लालू के 15 साल के शासन में किस तरह से दलितों का अनादर हुआ है, सब जानते हैं. लालू 100 फीसदी दलित विरोधी हैं. राष्ट्रपति के कार्यक्रम का बहिष्कार करना इसका जीता जागता उदाहरण है, क्योंकि राष्ट्रपति दलित है. एक दलित नेता के लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग स्वीकार नहीं है."
लालू प्रसाद यादव अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के साथ रविवार शाम को पटना के लिए निकल चुके हैं. डॉक्टर की सलाह के बाद कुल 41महीने के लंबे अंतराल के बाद वे पटना पहुंच रहे हैं.
इस बीच यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि विधानसभा उपचुनाव के लिए दो सीटों पर वो चुनाव प्रचार भी करेंगे. इस वजह से आरजेडी के कार्यकर्ताओं में जोश भी है.
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