बिहार के बहुचर्चित कथित "लैंड फॉर जॉब स्कैम" (Land For Job Scam) मामले में आरोपी व्यक्तियों को 9 फरवरी को PMLA की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के लिए उपस्थित होना होगा. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उसके द्वारा दायर अभियोजन शिकायत का न्यायालय ने संज्ञान लिया है और आरोपी व्यक्तियों को आगे की सुनवाई के लिए 09.02.2024 को उपस्थित होने के लिए नोटिस जारी किया. चलिए जानते हैं कि ईडी ने अपने बयान में लालू यादव और उनके परिवार पर क्या-क्या आरोप लगाए हैं और केस को लेकर क्या जानकारी दी है?
ED ने आरोपियों के खिलाफ दायर की थी शिकायत
ईडी ने अपने बयान में कहा "8 जनवरी 2024 को अमित कत्याल, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव, हृदयानंद चौधरी और दो कंपनियां- मेसर्स ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड- के खिलाफ PMLA की स्पेशल कोर्ट में धन शोधन निवारण अधिनियम , 2002 के प्रावधानों के तहत अभियोजन शिकायत दर्ज की थी.
CBI ने दाखिल किया है आरोप पत्र
केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि उसने घोटाले से संबंधित सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2004-2009 की अवधि के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार में लिप्त थे.
FIR के अनुसार उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले रिश्वत के रूप में जमीन ट्रांसफर करने के लिए कहा गया था. इस मामले में सीबीआई ने आरोप पत्र (चार्जशीट) भी दाखिल कर दिया है.
राबड़ी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी भी शामिल
ईडी ने बताया कि अभियोजन शिकायत में आरोपी बनाए गए लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव के परिवार के सदस्यों को उम्मीदवारों के परिवार से नाममात्र राशि के लिए जमीन प्लॉट प्राप्त हुए थे [जिन्हें भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के विकल्प के रूप में चुना गया था].
पुलिस हिरासत में एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी, राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक उम्मीदवार से जमीन ली और बाद में उसे हेमा यादव को हस्तांतरित कर दिया था.प्रवर्तन निदेशालय
दो फर्जी कंपनियां बनाई गईं
ED ने दावा किया कि "कंपनियां मेसर्स ए के इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स ए बी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड लिमिटेड फर्जी कंपनियां थीं, जिन्हें लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों के लिए अपराध की आय प्राप्त हुई."
उक्त कंपनियों में सामने वाले लोगों द्वारा अचल संपत्तियां अर्जित की गईं और उसके बाद नाममात्र राशि के लिए शेयर लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को ट्रांसफर कर दिए गए. अमित कत्याल लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए इन कंपनियों का प्रबंधन करते थे.प्रवर्तन निदेशालय
6.02 करोड़ की अचल संपत्ति कुर्क
इससे पहले, ईडी ने पिछले साल 10 मार्च को तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें उसे एक करोड़ रुपये नकदी और करीब रु. 1.25 करोड़ के कीमती सामान मिले थे. ईडी ने अनंतिम रूप से 29 अगस्त 2023 को 6.02 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी कुर्क की है.
ED की गिरफ्त में अमित कात्यपाल
ईडी ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को मनी लॉन्ड्रिंग में मदद करने के आरोप में अमित कात्याल को पिछले साल 11 नवंबर को गिरफ्तार किया था. अमित कत्याल आज की तारीख में न्यायिक हिरासत में हैं.
तेजस्वी से आज होगी पूछताछ
जानकारी के अनुसार, लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में प्रवर्तन निदेशालय मंगलवार (30 जनवरी) को बिहार के पूर्व डिप्टी तेजस्वी यादव से पूछताछ करेगी. ईडी ने राजद नेता को 19 जनवरी को समन भेज 30 जनवरी को पटना स्थित ऑफिस में पूछताछ के लिए बुलाया था. इससे पहले सोमवार (29 जनवरी) को ईडी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की.
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