लांस नायक हनुमंथापा का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है. वीर जवान के अंतिम दर्शन के लिए कर्नाटक के धारवाड़ में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा.
हनुमंथापा को सेना की ओर से परंपरागत तरीके से बंदूकों की सलामी दी गई. अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद लोगों की आंखें छलक आईं.
गुरुवार को राजधानी दिल्ली में तीनों सेना ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ परंपरागत तरीके से सलामी दी थी.
6 दिनों तक बर्फ के नीचे दबे रहे
हनुमंथापा सियाचिन में बर्फ धंसने के बाद करीब 6 दिनों तक नीचे दबे रहने के बाद जिंदा बाहर निकाले गए थे. लेकिन डॉक्टरों की पुरजोर कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका था. गुरुवार दोपहर को उन्होंने दिल्ली के आर्मी अस्पताल में आखिरी सांस ली थी.
गौरतलब है कि 3 फरवरी को हनुमंथापा और 9 अन्य सैनिक करीब 19,500 फुट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर में बर्फ धंसने से दब गए थे. उनके देहांत की खबर से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई थी.
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