देशभर में कोरोना वायरस लगातार फैलता जा रहा है. जब तक वैक्सीन तैयार नहीं होती, लॉकडाउन को ही इसका एकमात्र इलाज बताया जा रहा है. लेकिन इसी बीच एक और वायरस तेजी से फैल रहा है, जिसे सांप्रदायिक या फिर नफरत का वायरस कह सकते हैं. इसका ताजा मामला बिहार के नालंदा से सामने आया है. जहां बजरंग दल के दो सदस्यों पर इसलिए मामला दर्ज हुआ है, क्योंकि उन्होंने कुछ दुकानों के ऊपर भगवा झंडा लगा दिया था. जिसका कारण जानकर आपको हैरानी होगी.
झंडे लगाकर दुकानों की पहचान
पुलिस के मुताबिक बजरंग दल के कुल 7 लोगों में से 2 सदस्यों पर मामला दर्ज किया गया है. इन लोगों ने कुछ दुकानों पर इसलिए भगवा झंड़ा फहरा दिया, क्योंकि उनका मानना था कि लोग झंडा देखकर ही दुकानों में सामान लेने आएं. यानी अन्य किसी धर्म के व्यक्ति की दुकान से सामान न लें.
उन्होंने दुकानों पर झंडे लगाने के बाद लोगों को बताया कि जिन दुकानों को चिन्हित किया है, सिर्फ उन्हीं से रोजमर्रा का सामान खरीदें.
धार्मिक सर्टिफिकेशन शुरू
देशभर में नफरत फैलाने वाले लोग ऐसी ही हरकतें कर रहे हैं. एक धर्म विशेष के प्रति गलत जानकारी फैलाकर ये लोग लोगों के दिलों में डर पैदा कर रहे हैं. एक ऐसा ही मामला झारखंड से भी सामने आया है. जहां जमशेदपुर में कुछ लोगों ने फलों की दुकानों को विश्व हिंदू परिषद द्वारा अनुमोदित बताया है. यानी उनका मानना है कि इन्हीं दुकानों से फल खरीदें. इसकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं. जिनमें फल की दुकानों पर भगवान राम और शिव की तस्वीर लगे बैनर लगाए गए हैं. इन पर विश्व हिंदू परिषद का नाम लिखा गया है.
यानी अब इस लॉकडाउन के बीच भले ही सरकार किसी दुकानदार को कोई सर्टिफिकेट ना दे, लेकिन कुछ संगठनों ने अपना सर्टिफिकेट थमाना शुरू कर दिया है. लेकिन ये ऐसे सर्टिफिकेट हैं, जिन पर ‘नफरत के वायरस’ का ठप्पा लगा हुआ है.
मुंबई में शख्स हुआ था गिरफ्तार
नफरती वायरस का एक ऐसा ही मामला कुछ दिन पहले मुंबई में भी देखने को मिला था. जहां एक शख्स ने एक मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय से ग्रॉसरी ऑर्डर लेने से इनकार कर दिया. सामान लेने से पहले उसने युवक का नाम पूछा और नाम बताने पर उसे वापस जाने को कहा. जिसके बाद डिलीवरी करने आए युवक ने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया और पुलिस को दे दिया. इसके ठीक बाद पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार किया.
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