पूर्वी दिल्ली के शाहदरा और सीलमपुर के इलाकों की तंग गलियां ही नहीं, संसद भवन भी फायर सेफ्टी के हिसाब से बिल्कुल परफेक्ट नहीं है. संसद भवन एनेक्सी, वायु भवन, सेना भवन और लुटियंस दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रालयों के ऑफिस भी फायर सेफ्टी के लिहाज से खराब रैंकिंग पर है.
दिल्ली फायर सर्विस (DFS) ने इंस्पेक्शन के दौरान पाया कि इन हाई सिक्योरिटी वाली इमारतों में कई कमियां हैं. यहां आग लगने जैसी घटना होने पर भारी जान-माल का नुकसान हो सकता है.
लुटियंस दिल्ली में 100 से ज्यादा इमारतों में कमियां
DFS की लिस्ट के मुताबिक, अकेले लुटियंस दिल्ली में 100 से ज्यादा ऐसी इमारतें हैं, जहां कई खामियां हैं. DFS चीफ अतुल गर्ग ने कहा कि इन इमारतों को किसी 'नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट' (NoC) की जरूरत नहीं है क्योंकि ये काफी पुरानी हैं. गर्ग ने बताया, "जांच के दौरान हमने कमियां पाई हैं. हमने कुछ बदलावों का सुझाव दिया है, जो किए जाने चाहिए."
एजेंसी में 22 सालों तक सेवा देने वाले पूर्व डीएफएस चीफ आरसी शर्मा के मुताबिक, ये इमारतें आज की जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती हैं क्योंकि ये कई साल पहले बनाई गई थीं.
“ये इमारतें पुरानी हैं और बहुत समय पहले बनाई गई हैं. इनमें जरूरी सुविधाएं नहीं होंगी. सीढ़ी पर दरवाजे बनाना संभव नहीं है.”आरसी शर्मा, पूर्व डीएफएस चीफ
न्यूज एजेंसी एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पिछले साल एक इंस्पेक्शन के बाद डीएफएस ने बिल्डिंग की कमियों के बारे में संसद भवन को बताया था.
“बीजेपी के कमरा नंबर-5B के पास जमीन पर होज रील काम नहीं कर रहा है. मुख्य पंप और एक डीजल पंप ऑटो मोड पर नहीं है. होज बक्से में पाइप की नली गायब है और कुछ बक्सों में, दो के बजाय सिर्फ एक नली रखी हुई है. कंट्रोल रूम, फायर अलार्म और डिटेक्शन पैनल ठीक से काम नहीं कर रहा है. सभी बाहर जाने के गेट को साफ रखा जाना चाहिए.”DFS चीफ
डीएफएस ने ये भी अनुरोध किया था कि संसद भवन में सभी फायर फाइटिंग सिस्टम को सत्र के दौरान काम करने की स्थिति में रखा जाना चाहिए.
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