ट्रेनों में चाय के कपों पर 'मैं भी चौकीदार' छपे होने को लेकर विवाद बढ़ गया है. चुनाव आयोग ने जहां रेलवे को नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा है, वहीं इन कपों को बनाने वाले वेंडर पर भी गाज गिरी है.
इस पूरे मामले पर रेलवे ने कहा है कि उनकी मंजूरी लिए बिना ही कपों पर इसकी छपाई की गई थी. रेलवे ने बताया कि इस तरह के कप वापस कर दिए गए हैं और वेंडर पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
ये पूरा विवाद काठगोदाम शताब्दी के पैसेंजर्स को ‘मैं भी चौकीदार’ नारे वाले कप में चाय परोसने को लेकर शुरू हुआ था. ट्विटर पर इस तरह के कप में चाय परोसने की तस्वीरें वायरल होने के बाद रेलवे ने फौरन ही इस तरह के सभी कपों को हटाने के साथ ही जांच के भी निर्देश दिए हैं.
यह मामला तब सामने आया, जब काठगोदाम शताब्दी के एक पैसेंजर ने इस तरह के कप में चाय परोसने वाला विडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया. लोकसभा चुनाव के दौरान यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
रेलवे ने दी सफाई
इंडियन रेलवे केटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "चाय परोसने के लिए इस्तेमाल होने वाले कप पर 'मैं भी चौकीदार' छपे होने की खबर की जांच की गई. यह रेलवे की पूर्व अनुमति के बिना किया गया था." आईआरसीटीसी ने कहा, "कप तत्काल प्रभाव से वापस कर लिए गए हैं. मालूम हो कि ऐसे कुछ ही कप सर्कुलेशन में थे." आईआरसीटीसी ने बताया कि इस तरह की चीजों का इस्तेमाल एडवरटीजमेंट के लिए कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर लाइसेंसधारियों द्वारा किया जाता है.
रेल मंत्रालय को चुनाव आयोग की नोटिस
चुनाव आयोग ने रेल मंत्रालय को 'मैं भी चौकीदार' लिखे हुए कप में शताब्दी ट्रेन में चाय दिए जाने के मामले में दूसरी बार नोटिस भेजा है. मंत्रालय को शनिवार तक इस मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है.
रेलवे टिकट में छपे थे पीएम मोदी की तस्वीर
इससे पहले 20 मार्च को रेलवे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगे टिकट वापस लिए थे. तृणमूल कांग्रेस ने इन टिकटों के लेकर चुनाव आयोग में आपत्ति दर्ज कराई थी. टीएमसी ने इन टिकटों के जरिए वोटरों को प्रभावित करने का आरोप लगाया था. हालांकि, रेलवे का कहना था कि शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी एक प्रचार अभियान के तहत प्रधानमंत्री की फोटो लगे एक लाख टिकट जारी किए गए थे. यह उन्हीं में से बचे हुए कुछ टिकट थे.
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