देश भर के मॉल, मल्टीप्लेक्स और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में पार्किंग के पैसे देने वालों को गुजरात हाई कोर्ट का यह फैसला सुकून दे सकता है. हाई कोर्ट ने कहा है कि मॉल, मल्टीप्लेक्स और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को कस्टमर के लिए पार्किंग मुहैया करानी होगी. इसके लिए उनसे कोई चार्ज वसूली नहीं होगी. गुजरात हाई कोर्ट का ये फैसला दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बन सकता है.
हाई कोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस अनंत दवे और जस्टिस बीरेन वैष्णव की बेंच ने गुजरात बिल्डिंग एंड टाउन प्लानिंग लॉ के प्रावधानों की व्याख्या करते हुए कहा कि बिल्डिंग मालिकों के लिए नियम है कि वे कार पार्किंग स्पेस मुहैया कराएं. यहां मुहैया शब्द का मतलब है कि कार पार्किंग फ्री में मुहैया करानी होगी.
मॉल मालिकों ने फ्री पार्किंग को दी थी चुनौती
बेंच ने रुचि मॉल्स प्राइवेट लिमिटेड और दूसरे मॉल मालिकों की अपील पर यह फैसला दिया. इन लोगों ने सिंगल बेंच के उस फैसले के खिलाफ अपील की थी जिसमें गुजरात सरकार को पार्किंग फीस से जुड़े नियमों पर पॉलिसी बनाने के लिए कहा था.
मॉल मालिकों ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों के उस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें पार्किंग फीस न वसूलने को कहा गया था. इसमें कहा गया था कि Gujarat comprehensive General Development Regulations 2017 (GCDR) पार्किंग फीस वसूलने की इजाजत नहीं देता.
पिछले साल अक्टूबर में सिंगल बेंच जज जस्टिस बेला त्रिवेदी ने इस मामले में मॉल मालिकों की इस दलील को मंजूर कर लिया था कि GCDR के नियम फ्री पार्किंग के इजाजत नहीं देते. इस आधार पर उन्होंने ट्रैफिक पुलिस की दलील खारिज कर दी थी. यह फैसला दूसरे राज्यों के लिए नजीर बन सकता है. यहां भी पार्किंग के लिए चार्ज वसूली को चुनौती मिल सकती है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)