नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशभर में जोरदार प्रदर्शन जारी है. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर विवादित बयान देते हुए कहा है कि इस अधिनिमय पर जनमत संग्रह होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के खिलाफ निष्पक्ष संगठन की देखरेख में जनमत संग्रह करना चाहिए.
ममता बनर्जी ने कोलकाता में कहा, संयुक्त राष्ट्र या राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग जैसे निष्पक्ष संगठन की देखरेख में नागरिकता संशोधन अधिनियम पर जनमत संग्रह कराना चाहिए. जिससे पता चले कि इसके पक्ष में जनता है भी या नहीं.
आजादी के 73 साल बाद अचानक हमें यह साबित करना होगा कि हम भारतीय नागरिक हैं. बीजेपी देश को विभाजित कर रही है. अधिनियम के खिलाफ आप सभी इस विरोध को न रोकें क्योंकि, हमें CAA को रद्द करना होगा.ममता बनर्जी, सीएम प. बंगाल
लाश से गुजरकर लागू होगा नागरिकता कानून
इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून को लागू करने से इनकार किया था. इसके साथ ही उन्होंने बयान देते हुए कहा, राज्य में कानून लागू करने के लिए केंद्र सरकार को उनकी लाश से गुजरना होगा.
आप मेरी सरकार हटाना चाहते हैं तो हटा सकते हैं लेकिन मैं बंगाल में नागरिकता कानून को कभी मंजूरी नहीं दूंगी. अगर वो कानून लागू करना चाहते हैं तो उन्हें मेरी लाश से गुजरकर करना होगा.ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल
बंगाल में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच भी खींचतान चल रही है. दोनों तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं. ममता ने नागरिकता कानून का विरोध किया था और इसे राज्य में लागू करने से मना कर दिया था. इस पर राज्यपाल ने कहा था कि केंद्र का बनाया कानून लागू करना ही पड़ेगा.
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