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एंबुलेंस नहीं मिली तो पत्नी के शव को कंधे पर लेकर भटकता रहा पति

लीपापोती में जुटा अस्पताल प्रशासन

Published
भारत
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उत्तर प्रदेश के बदायूं में इंसानियत एक बार फिर शर्मसार हुई. पहले अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते एक शख्स को अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा. बाद में मामले के तूल पकड़ने पर अस्पताल प्रशासन ने वही रटा-रटाया जांच के आदेश वाला बयान जारी कर दिया.

जानकारी के मुताबिक, बदायूं के मूसाझाग थाना क्षेत्र के मझारा गांव की महिला मुनीशा को जिला अस्पताल में उसके पति सादिक ने सोमवार सुबह भर्ती कराया. दोपहर बाद मुनीशा की मौत हो गई. सादिक के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह शव को किसी निजी वाहन से घर ले जा सके. सादिक ने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की मांग की, जिसे पूरा नहीं किया गया. जब वाहन का इंतजाम नहीं हो पाया तो सादिक अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर ही रखकर अस्पताल से चला गया.

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अस्पताल प्रशासन का क्या कहना है?

जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नेमि चंद्रा ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया से हुई. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं.

उन्होंने बताया कि ऐसा आरोप है कि सादिक ने जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉक्टर आर. एस. यादव को पत्र लिखकर एम्बुलेंस की मांग की लेकिन वाहन का इंतजाम नहीं हुआ. इस पर सादिक अपनी पत्नी के शव को कंधे पर ही रखकर अस्पताल से चला गया.

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राहगीरों ने टैंपों की व्यवस्था के लिए किया चंदा

सादिक जिला अस्पताल से पत्नी के शव को कंधे पर लादकर बाहर निकला. अस्पताल के बाहर जब लोगों ने सादिक को इस हाल में देखा, तो उन्होंने सादिक से पूरी जानकारी ली. सादिक ने बताया कि उसके पास वाहन की व्यवस्था करने के लिए पैसे नहीं है.

इसके बाद आसपास के दुकानदारों और राहगीरों ने चंदा जमा किया और एक टैंपों का इंतजाम किया. इसके बाद शव को टैंपो से सादिक के घर तक पहुंचाया गया.

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लीपापोती में जुटा अस्पताल प्रशासन

सीएमओ चंद्रा ने बताया कि उन्होंने इस बारे में सीएमएस यादव से पूछा तो पता लगा कि सादिक एम्बुलेंस के लिये दरख्वास्त देने के कुछ ही देर बाद वहां से चला गया था. जब अस्पताल में उसकी तलाश की गयी तो वह नहीं मिला.

बहरहाल, चंद्रा ने कहा है कि जिला अस्पताल द्वारा शव को पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध ना कराना बहुत बड़ी और अक्षम्य लापरवाही है. मामले की एक कमेटी से जांच करवायी जाएगी और दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जाएगा. जिला अस्पताल के सीएमएस को इस सिलसिले में नोटिस दिया गया है.

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