मणिपुर के पत्रकार पॉजेल चाओबा को राज्य सरकार से नए गठित किए गए टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 के तहत नोटिस मिला था. ये नोटिस चाओबा के संगठन द फ्रंटियर मणिपुर (TFM) के फेसबुक पेज पर आयोजित और अपलोड की गई एक ऑनलाइन बातचीत के लिए दिया गया था.
हालांकि, द न्यूज मिनट के मुताबिक 2 मार्च की शाम पत्रकार को एक और नोटिस भेजकर जानकारी दी गई कि नए आईटी नियमों के तहत दिया गया नोटिस 'तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाता है.'
नोटिस में क्या कहा गया?
नए आईटी नियमों के तहत जारी किए गए नोटिस में चाओबा और उनके संगठन से उन संबंधित दस्तावेजों की मांग की गई, जो ये दिखा सकें कि वो नए नियमों का पालन कर रहे हैं. नोटिस में कहा गया कि अगर दस्तावेज गाइडलाइन्स के पालन में नहीं होंगे तो 'बिना किसी अगले नोटिस के जो कदम ठीक होगा वो लिया जाएगा.'
द वायर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंफाल पश्चिम के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने 1 मार्च को ये नोटिस जारी किया था और इसे चाओबा तक कई पुलिसकर्मियों ने पहुंचाया.
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट कहती है कि जिस नलाइनऑ बातचीत को लेकर ये नोटिस जारी किया गया था, उसमें इन्हीं नए आईटी नियमों की बात हुई थी और इसे 28 फरवरी को अपलोड किया गया था.
बातचीत का शीर्षक ‘Media Under Siege: Are Journalists Walking A Tight Rope’ था. इसमें TFM के एग्जीक्यूटिव एडिटर पॉजेल चाओबा, स्वतंत्र पत्रकार ग्रेस जाजो और कॉलमनिस्ट-फ्रीलान्स पत्रकार निंगलुन हांगल पैनेलिस्ट थे. इसे TFM के एसोसिएट एडिटर किशोरचंद्र वांग्खेमचा ने होस्ट किया था.
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