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"10 साल के बेटे के सामने ले गए": मणिपुर में सैनिक की घर से अगवा कर हत्या कैसे हुई?

Manipur Soldier Killed | तीन अज्ञात लोगों ने बंदूक की नोक पर सेना के जवान को उसके घर से अगवा करने के बाद हत्या कर दी

Updated
भारत
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"10 साल के बेटे के सामने ले गए": मणिपुर में सैनिक की घर से अगवा कर हत्या कैसे हुई?
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"बंदूक की नोक पर मेरे पति का अपहरण कर लिया गया था. हमारे बेटे ने अपहरण होते हुए देखा था. जब उसने मेरे पति पर बंदूक तानते हुए उन्हें देखा, तो उसने तुरंत मुझे बताया. जब तक मैं घर पर पहुंची, वे गाड़ी से उन्हें तेजी से भगा ले चुके थे."

यह बात 17 सितंबर की सुबह मणिपुर (Maniour) के इंफाल में मारे गए 41 वर्षीय भारतीय सेना के जवान की पत्नी सोमिवोन कॉम ने द क्विंट को बताई.

इम्फाल में छुट्टी पर अपने घर गए भारतीय सेना के जवान, थांगथांग कॉम को उनके ही घर से शनिवार, 16 सितंबर को अगवा किया गया, और फिर अगले दिन अपहरणकर्ताओं ने घर से 14 किलोमीटर दूर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी.

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कोहिमा स्थित डिफेंस के प्रवक्ता, अमित शुक्ला ने एक मीडिया रिलीज में कहा कि अपहरण सुबह 10 बजे हुआ. कॉम को मणिपुर के लीमाखोंग मिलिट्री स्टेशन पर तैनात किया गया था. उनके परिवार में उनकी पत्नी सोमिवोन, 12 साल की बेटी और 10 साल का बेटा है.

बता दें कि, मणिपुर सरकार ने सेना के जवान के अपहरण और हत्या के तथ्यों और परिस्थितियों का पता लगाने के लिए एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है. आयोग का नेतृत्व आईपीएस अधिकारी थेमथिंग नगाशांग्वा करेंगे.

10 साल के बेटे ने पिता को अगवा होते देखा 

थांगथांग मणिपुर की कोम जनजाति से थे, ये मैतेई और कुकी-जोमी दोनों समुदायों से अलग है. मैतेई और कुकी समुदाय 3 मई से शुरू हुई हिंसा में एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं.

कथित तौर पर थांगथांग कॉम का 10 साल का बेटा अपहरण का एकमात्र चश्मदीद गवाह है. उसने पुलिस को बताया कि जब वे बरामदे में काम कर रहे थे तो तीन बदमाश उनके घर में घुस आए. बच्चे के बयान के मुताबिक, उसके पिता को बंदूक की नोक पर एक सफेद रंग की गाड़ी में जबरदस्ती बिठाकर बदमाश वहां से ले गए.

कॉम का शव अगले दिन रविवार, 17 सितंबर की सुबह करीब 9.30 बजे इम्फाल पूर्व के सगोलमांग थाना इलाके में खुनिंगथेक गांव में मिला.

उनके चचेरे भाई पाचुंग कॉम ने कहा है कि अपराधी मृत सैनिक को जानने वाले लोग हो सकते हैं. उन्होंने कहा, “वो (सैनिक) कुछ दिन पहले ही लीमाखोंग से लौटा था. वे (बदमाश) घर में घुस गए और बंदूक की नोक पर उसे अपने साथ ले गए, जो एक व्यक्तिगत हमला लगता है."

"जब हमने उनका शव सड़क पर पड़ा देखा तो उनके सिर में एक गोली लगी थी. हम नहीं जानते कि हत्या किसने की है, लेकिन हमें घाटी के लोगों पर संदेह है."
कॉम के बड़े भाई रेवरेंड पाचुंग सेर्टो लिटन ने द वायर को बताया
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सेना ने हत्या की निंदा की

सेना के एक प्रवक्ता के अनुसार, शव की पहचान कॉम के भाई और बहनोई ने की है, सिर में एक गोली मारकर मारकर उनकी हत्या हुई. अभी इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.

आर्मी प्रवक्ता ने आगे कहा, “थांगथांग कॉम की पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है. अंतिम संस्कार परिवार की इच्छा के अनुसार किया जाएगा. सेना ने शोक संतप्त परिवार की हरसंभव सहायता के लिए एक टीम भेजी है." उन्होंने आगे कहा कि सेना सिपाही सर्टो थांगथांग कोम की हत्या की कड़ी निंदा करती है और इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़ी है.

कॉम एक छोटा जनजातीय समुदाय है जो ज्यादातर इम्फाल घाटी के आस-पास बसा हुआ है. समुदाय को इस बात की चिंता है कि वो कुकी और मैतेई समुदायों के बीच झगड़े में फंसा हुआ है.

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